प्रयागराज माघ मेले से पहले गंगा स्वच्छता पर उन्नाव में बड़ी कार्रवाई, 42 लेदर फैक्ट्रियां सील
उन्नाव में माघ मेले के लिए गंगा स्वच्छता हेतु बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रयागराज में गंगा स्नान के मद्देनजर जनपद के दही, बंथर, अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र ...और पढ़ें

माघ मेले के मद्देनजर प्रदूषित उत्प्रवाह रोकने को सीईटीपी मुहाने टैप करवाती टीम। कर्मचारी
जागरण संवाददाता, उन्नाव। प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर माघ मेले में गंगा स्नान को देखते हुए जनपद में दही, बंथर, अकरमपुर आदि औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित 42 चर्म इकाई, आधा दर्जन स्लाटर हाउस व दो सीईटीपी जिसमें बंथर व दही के मुहाने बुधवार को सील कर दिए गए। यह कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट राजीवराज की अगुवाई में की गई।
वहीं आरओ पीसीबी शशि बिंदकर ने बताया कि माघ मेला 2026 के लिए जो रोस्टर लागू है उसे ध्यान में रखते हुए इकाई संचालक व सीईटीपी प्रबंधनों ने अपने श्राव को रोकते हुए स्वत: ही मुहानों को बंद कर दिया है। बताया कि 24 दिन तक यहां से किसी भी प्रकार का डिस्चार्ज किया जाना संभव नहीं होगा। हर बंद किए गए प्वाइंट की सतत निगरानी टीमें करेंगी।
पौष पूर्णिमा तीन जनवरी को है। जिसके लिए 31 दिसंबर 2025 से तीन जनवरी 2026 तक चार दिन औद्योगिक क्षेत्रों से शून्य उत्तप्रवाह की पाबंदी बुधवार से शुरू हो गई है जो अब 24 दिन तक लागू रहेगी। शासन के निर्देश पर इस शून्य उत्प्रवाह को बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी गौरांग राठी ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी व टीम को निर्देश दिए हैं।
तय रोस्टर के अनुसार क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग व जिला स्तरीय टीम बुधवार को सक्रिय हो गई है। आरओ प्रदूषण नियंत्रण का दावा है कि सभी 42 चर्म इकाइयों, आधा दर्जन स्लाटर हाउसों के उत्प्रवाह मुहाने बंद कर दिए गए हैं। वहीं दही व बंथर औद्योगिक क्षेत्र की सीईटीपी (कामन इंफ्ल्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) के भी मुहाने सील कर दिए गए हैं।
बताया कि मुहाने बंद करने की कार्रवाई के बाद टीम अब पूरा दिन कारखाना मुहानों व सीईटीपी का निरीक्षण भी करेगी। प्रयागराज में तीन जनवरी 2026 से 15 फरवरी 2026 तक 24 दिन का माघ मेला शुरू हो गया है। गंगाजल शुद्ध रखने की मंशा से जिले के दो प्रमुख लोनी व सिटी जेल ड्रेन से जुड़ी टेनरियों और चर्म इकाइयों में गीला उत्पादन बंद करा दिया गया है।
आरओ ने बताया कि इस दौरान कहीं भी प्रदूषित उत्प्रवाह पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग व जिला स्तरीय टीम के अधिकारी व कर्मचारी कारखानों पर जेडएलडी (जीरो लिक्विड डिस्चार्ज) की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतत निरीक्षण करेंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।