सोनभद्र में उफनती नदी पार करते समय बाइक समेत डूबे दो लोगों का शव बरामद
Flood in Sonbhadra सोनभद्र के जुगैल थाना क्षेत्र में चोपन भरहरी मार्ग पर छलका पार करते समय तीन मोटरसाइकिल सवार बह गए थे। अठारह घंटे बाद गोताखोरों ने दो शव बरामद किए जिनकी पहचान अंकित और दिनेश के रूप में हुई। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जागरण संवाददाता, जुगैल (सोनभद्र)। स्थानीय जुगैल थाना क्षेत्र के चोपन भरहरी मार्ग पर बने छलका को पार करते समय तीन मोटरसाइकिल सवार बह गए थे। जिनकी सोमवार सुबह लगभग अठारह घंटे बाद तलाश खत्म हो गई। दोनों शवों को गोताखोरों द्वारा पानी से बाहर निकाल लिया गया और मोटरसाइकिल भी मिल गई।
पुलिस ने दोनों ही शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। विदित हो कि चोपन भरहरी मार्ग पर परेवा नाला पर बने छलका को पार करते समय रविवार को दोपहर बाद बाइक सवार तीन युवक पानी के तेज बहाव में बह गए। एक युवक नाला से बाहर निकल गया लेकिन दो का पता नहीं चला था जानकारी पर जुगैल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से दोनों युवकों की तलाश करने लगी।
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कुछ पता न चलने पर पुलिस ने गोताखोर संरक्षक सुशील कुमार साहनी से संपर्क किया उन्होंने जिले के चार गोताखोर मीतनारायन, लवकुश, कल्लू और पप्पू को मौके पर भेजा। सभी ने मौके पर पहुंच कर फौरन युवकों की तलाश शुरू कर दी। देर रात्रि तक खोजबीन किया गया लेकिन कोई पता नहीं चला। सोमवार तड़के ही फिर खोजबीन जारी हो गई। लगभग एक घंटे बाद अंकित का शव बरामद कर लिया गया और फिर कुछ घंटे बाद कुछ दूरी पर दिनेश का भी शव बाहर निकाल लिया गया और मोटरसाइकिल भी मिल गई।
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सोनभद्र में मानसून आने के बाद से ही लगातार रह रहकर बरसात होने से निचले इलाकों के नदी नाले ही नहीं बल्कि पहाड़ी नदियों में भी उफान बना हुआ है। बारिश के बीच बांधों से भी रह रहकर पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति हो गई है। माना जा रहा है कि मानसून आगे भी सक्रिय बना रहेगा जिससे बाढ़ का पानी फिलहाल उतरने की संभावना कम ही है।
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दूसरी ओर पहाड़ी नदी नालों में उफान होने की वजह से कई निचले इलाकों में जलभराव होने की वजह से कई गांवों और मजरों का आपसी संपर्क टूट गया है। इसकी वजह से दूरस्थ इलाकों में जमीनी संपर्क भी बाधित हो चुका है। जिस प्रकार से बारिश का दौर जारी है माना जा रहा है कि हालात में सप्ताह भर तक कोई खास बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में निचले इलाकों में प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
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