काशी में सावन माह के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार, बम - बम हुई काशी
काशी में सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के भक्तों में अद्भुत उत्साह है। रिमझिम बारिश के बीच कांवरियों और भक्तों ने रात से ही जलाभिषेक के लिए कतार में जगह बना ली। मंगला आरती के बाद मंदिर के द्वार खुलते ही हर-हर महादेव के जयघोष के साथ भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में भगवान शिव के अति प्रिय पावन सावन महीने के अंतिम सोमवार को लेकर बाबा विश्वनाथ के भक्तों में अपूर्व उत्साह है। अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए रिमझिम बरसती सावन की फुहारों के बीच कांवरियों व भक्तों ने रात से ही कतार में स्थान ले लिया था।
श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ धाम का रुद्राक्ष से अलौकिक श्रृंगार I#kashivishwanath #kashi #sanatandharma #sawan2025 #hinduism pic.twitter.com/aDh8PNelTR
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भोर में मंगला आरती के पश्चात पट खुलते ही हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ भक्त बाबा का जलाभिषेक किया। सुबह आठ बजे तक 2.75 लाख लोगों ने बाबा का दर्शन कर लिया था। परंपरानुसार अंतिम चतुर्थ सोमवार को बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया होगा। बाबा के इस मनोहारी रूप को देखने के लिए सायंकाल भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। जबकि मंगला आरती से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक चार लाख 40 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन पूजन कर लिया था।
सावन के आखिरी सोमवार पर @ShriVishwanath मंदिर में बाबा श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती। #Varanasi #kashivishwanath pic.twitter.com/fhujpxlQq4
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सुबह मंगला आरती आसमान में छाए काले बादलों और बूंदाबांदी के बीच हुई तो बाबा दरबार परिक्षेत्र मंगला आरती के साथ हर- हर महादेव के उद़घोष से गूंज उठा। एक दिन पूर्व से ही बाबा दरबार के खंभे ओर गर्भगृह का क्षेत्र रुद्राक्ष और रुद्राक्ष की मालाओं से पाट कर रुद्राक्ष श्रृंगार की परंपरा का निर्वहन किया गया। बाबा दरबार में आस्था के सावन माह का अंतिम सोमवार होने की वजह से आस्थावानों की भीड़ भी देर रात से ही कतारबद्ध हो चुकी थी। बाबा दरबार में साज सज्जा के साथ ही सुवास से परिक्षेत्र भी मह मह- कर रहा है।
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रुद्राक्ष का अर्थ है "रुद्र" यानी भगवान शिव और "अक्ष" यानी आँसू। यह शिव के नेत्रों से गिरे आँसुओं से उत्पन्न माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति, चित्त को स्थिरता और आत्मा को शक्ति प्राप्त होती है। यह आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा… pic.twitter.com/vPC9DaXKAX
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वाराणसी में श्रावण मास के अंतिम सोमवार के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति से सराबोर काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन हेतु उमड़े भक्तों का मेयर अशोक तिवारी ने पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया। वहीं रमना ( मलहिया) प्राथमिक विद्यालय परिसर में बाढ़ का पानी आने से पठन-पाठन बंद हो गया है, जबकि सामने घाट मोड़ पर बाढ़ के कारण जाम लग रहा है। यहां से वाहनों को भगवानपुर और हाइवे की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है।
शिव सैनिकों को बाबा के जलाभिषेक से रोका गया
वाराणसी में दशाश्वमेध चितरंजन पार्क से शिवसेना के मंडल प्रभारी अजय चौबे के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता के साथ बाबा का जलाभिषेक करने जा रहे शिव सैनिकों को जिला प्रशासन द्वारा गोदौलिया चौराहा पर अनुमति नहीं थी। एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी व थाना प्रभारी विजय कुमार शुक्ला हिरासत में लेकर दशाश्वमेध थाना ले गये। शिव सैनिकों में थाने में मंदिर में जलाभिषेक किया और अजय चौबे ने एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी को पत्रक दिया। इस दौरान प्रमुख रूप अजय चौबे, अजय सिंह, सतीश शर्मा, संदीप कुमार एस एन उपाध्याय सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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