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    युद्ध विराम घोषणा के बाद भी भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें

    भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम घोषणा के बाद भी भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी है। सुरक्षा एजेंसियां सीमा पर कड़ी निगरानी रख रही हैं खासकर बढ़नी खुनुवा जैसे इलाकों में। आने-जाने वालों की गहन चेकिंग की जा रही है। पुलिस और एसएसबी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। अतीत में आतंकियों द्वारा सीमा का इस्तेमाल करने की घटनाओं को देखते हुए यह सतर्कता बरती जा रही है।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 11 May 2025 12:17 PM (IST)
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    आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए जवान तैयार। जागरण

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम की घोषणा के बाद भी सुरक्षा एजेंसियां बार्डर पर पैनी निगाह रख रही हैं। नेपाल बार्डर पर स्थित कस्बा बढ़नी में गहन चेकिंग के बाद ही लोगों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने दिया जा रहा है।

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    इतना ही नहीं, नेपाल जाने वालों की भी पूरी छानबीन की जा रही है। लोगों के वाहन चेक किये जा रहे हैं। उनके वैध परिचय पत्र देखे जा रहे हैं। जाने का मकसद पूछा जा रहा है। उसके बाद ही लोग एक-दूसरे देश में प्रदेश कर पा रहे हैं।

    यह स्थिति सिर्फ बढ़नी की नहीं है, बल्कि नेपाल सीमा स्थित खुनुवा, अलीगढ़वा, ककरहवा व हरिबंशपुर बार्डर की भी है। आतंकी गतिविधियों को लेकर नेपाल सीमा पहले से संवेदनशील रही है। ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि युद्ध विराम के बाद भी कोई आतंकी घुसपैठ का प्रयास करे। अथवा कोई आतंकी खुली सीमा का लाभ उठाकर भारतीय क्षेत्र से नेपाल जाकर खुद को सुरक्षित करे।

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    ऐसे में पुलिस व एसएसबी एक-एक गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। सीमाई थाना शोहरतगढ़ में तो नेपाल सीमा से पहले कई स्थानों पर लोगाें की चेकिंग की जा रही है। मोहाना, लोटन, ढेबरुआ, कपिलवस्तु थाना क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह होटल व सरायों पर भी नजर बनाए रखें। ताकि कोई संदिग्ध वहां पर आकर ठहरे तो उसकी जांच की जा सके।

    सोनौली बॉर्डर पर चल रही चेकिंग। जागरण 


    आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना है नेपाल

    31 दिसंबर 2007 को आतंकियों ने रामपुर में सीआरपीएफ के सात जवानों को मार दिया था। उस समय आतंकियों का इंडिया कमांडर कमालुद्दीन नेपाल के काठमांडू में बैठा था। पाकिस्तानी फिदाइन मो.फारुक इमरान कजा वह कराची से काठमांडू के रास्ते आकर नेपाल के बुटवल व उसके आस-पास के इलाके रहते थे।

    यह खुली सीमा का उपयोग करके भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देते थे। पूर्व डीजीपी बृजलाल कहते हैं कि इंडियन मुजाहिद्दीन ने जितनी भी घटनाएं कीं, उसमें आजमगढ़ माड्यूल का मुख्य रोल था। यह सभी नेपाल के रास्तों का ही उपयोग करते थे। यह यहां से दुबई जाते थे और वहां से आईएसआई इन्हें पाकिस्तान ले जाती थी और वहां इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था और उसके बाद इन्हें पाकिस्तानी पासपोर्ट पर काठमांडू पहुंचा दिया जाता था।

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    वहां इनका पाकिस्तानी पासपोर्ट जब्त करके इन्हें नेपाल के रास्ते भारत भेज दिया जाता था। यहां यह आतंकी घटनाओं को अंजाम देते थे। इंडियन मुजाहिद्दीन का मुख्य ठिकाना ही नेपाल था। उनके कार्यकाल में यासीन भटकल, सहजाद, छोटू, बसर सहित तमाम आतंकी पकड़े गए। ऐसे में भारत-पाकिस्तान के तनाव को देखते हुए नेपाल सीमा पर सतर्कता बेहद जरूरी है।

    • 68 किलोमीटर है सिद्धार्थनगर के हिस्से में नेपाल सीमा
    • 5 थाने व 6 पुलिस चौकी हैं नेपाल सीमा पर स्थित

    नेपाल सीमा पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। सभी थानाध्यक्षों को विशेष अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। हर संदिग्ध की गंभीरता से चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा सभी सार्वजनिक स्थलों को लेकर पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है। -डॉ. अभिषेक महाजन, पुलिस अधीक्षक