नदी की धारा में किसानों की 40 बीघे कृषि योग्य भूमि समाहित, पुल के अप्रोच मार्ग को भी निगलने को बेताब है राप्ती नदी
श्रावस्ती के इकौना क्षेत्र में राप्ती नदी का कटान जारी है जिससे मलौना खसियारी और पुरुषोत्तमपुर गांव के किसानों की लगभग 40 बीघे कृषि भूमि नदी में समाहित हो गई है। नदी गांव की ओर बढ़ रही है जिससे ग्रामीणों में दहशत है। प्रशासन ने कटान रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने का आश्वासन दिया है।

संसू, इकौना (श्रावस्ती)। घट-बढ़ रहे जलस्तर के बीच राप्ती नदी ने इकौना के दोआबा क्षेत्र में खेतों को निगलना शुरू कर दिया है। मलौना खसियारी व पुरुषोत्तमपुर गांव में सात दिन में किसानों की लगभग 40 बीघे कृषि योग्य भूमि नदी की धारा में समाहित हो चुकी है। नदी खेतों को निगलते हुए गांव की ओर बढ़ रही है। इससे ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
मलौना खसियारी गांव में बाबू पांडेय व भगवानदीन यादव की दो-दो बीघे, सूर्यकांत मिश्र, चंद्रकांत, बुद्धि सागर की चार बीघे, सिपाही लाल की चार बीघे, बच्छराज दूबे की पांच बीघे, बहादुर निषाद की ढाई बीघे, चंडीदत्त की लगभग छह बीघे कृषि भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है।
पुरुषोत्तमपुर गांव में मासूम अली का ढाई बीघा, काजू, वीरु व गिरीश का डेढ़-डेढ़ बीघा, संतराम साहू, सतगुरु दयाल शर्मा व हरीश नाथ का एक-एक बीघा व इस्माइल का दो बीघा खेत फसल समेत राप्ती नदी की धारा में समाहित हो चुका है।
ग्रामीण दद्दू तिवारी ने बताया कि गांव के पूरब दिशा में नदी तेजी से कटान कर रही है। खेतों के साथ गांव का चकरोड भी कट रहा है। पुरुषोत्तमपुर गांव में नदी खेत ही नहीं पुल के अप्रोच मार्ग को भी निगलने को बेताब है। इसे बचाने के लिए कवायद हो रही है।
गांव की ओर बढ़ रही नदी
मलौना खसियारी व पुरुषोत्तमपुर गांव में खेतों को निशाना बनाते हुए राप्ती नदी गांव की ओर बढ़ रही है। पूर्व ग्राम प्रधान महराज प्रकाश तिवारी ने बताया कि मलौना खसियारी गांव से नदी की दूरी लगभग पांच सौ मीटर शेष है। पुरुषोत्तमपुर के ग्राम प्रधान आनंद त्रिपाठी ने बताया कि गांव के पास नदी के किनारे बांध बनवाने की मांग नहीं सुनी गई।
नदी खेतों को कटाते हुए गांव की ओर बढ़ रही है। शिवकुमार के बाग और पक्के मकान से नदी की दूरी महज 100 मीटर व कई ग्रामीणों के घर से नदी की दूरी लगभग दो सौ मीटर बची है। ग्राम प्रधान ने कहा कि कटान रोकने के प्रयास नहीं किए गए तो गांव के अस्तित्व पर संकट आ सकता है।
नदी कटान रोकने के हर संभव उपाय करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। प्रभावी उपाय के लिए अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड को निर्देशित किया गया है।
- ओम प्रकाश, एसडीएम, इकौना।
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