ओवरब्रिज की बाधा दूर, किसानों और छात्रों को 8 किमी के लंबे चक्कर से मिली मुक्ति
शाहजहांपुर में ओवरब्रिज बनने से किसानों और छात्रों को 8 किलोमीटर के लंबे चक्कर से मुक्ति मिल गई है। इस ओवरब्रिज के निर्माण से क्षेत्र में यातायात सुगम ...और पढ़ें

निर्माणाधीन डभौरा ओवरब्रिज
संवाद सहयोगी, जागरण, तिलहर। रेलवे प्रशासन के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न देने के कारण डभौरा ओवरब्रिज का निर्माण पांच माह तक रुका रहा। इसका खामियाजा सीधे तौर पर 100 गांव में रहने वाली लगभग 80 हजार लोगों की आबादी को भुगतना पड़ा। रुजवारी से अतिरिक्त फेर के कारण 22 किमी. की दूरी बढ़कर 30 किमी. हो गई, लेकिन काम पूरा न हुआ।
स्कूली छात्र, किसान, व्यापारी सबसे ज्यादा परेशान हुए। भाकियू ने आंदोलन की चेतावनी दी, तो दो दिन पूर्व रेलवे क्रासिंग खुली, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिली। तिलहर से निगोही के बीच लगभग 100 गांव हैं। यहां से प्रतिदिन औसतन हजार लोग आवागमन करते हैं। गांवों के तमाम लोगों की रिश्तेदारियां निगोही व तिलहर में हैं।
व्यापारियों के प्रतिष्ठान भी निगोही व तिलहर में हैं। आसपास के गांवों के बच्चे तिलहर पढ़ने आते हैं। रेलवे क्रासिंग अधिकांश समय बंद रहने के कारण लंबा जाम लगता था, जिसके समाधान के लिए 2023 में क्रासिंग का निर्माण शुरू कराया गया। पांच माह पूर्व पुल निर्माण के गर्डर रखने के लिए क्रासिंग का फाटक बंद कर दिया गया, लेकन रेलवे के एनओसी न देने के कारण इसका काम शुरू नहीं हो सका।
फाटक बंद होने के कारण लोगों को आठ किमी. लंबा चक्कर लगाकर रुजवारी गांव से होकर आना पड़ रहा था। इससे पहले आधा किमी. का सफर तय करके यह लोग क्रासिंग पहुंचते और वहां से तिलहर आ जाते थे। गन्ने के सीजन में चीनी मिल आने वाले गन्ना किसानों को खासी परेशानी हो रही थी। क्योंकि रुजवारी से जो रास्ता यहां के लिए बनाया गया वह बहुत अच्छी स्थिति में नहीं था।
आए दिन जाम व खराब सड़क के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामन करना पड़ता। गत सप्ताह भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट की युवा इकाई के जिलाध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह व कार्यकर्ताओं ने धरना दिया, तो प्रशासन ने वार्ता करके इस क्रासिंग को इस सहमति के साथ खुलवाया कि एनओसी मिलने पर निर्मााण के दौरान क्रासिंग को बंद कर दिया जाएगा।

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