सिर्फ 75 कार्रवाई... बाकी सब भगवान भरोसे! शाहजहांपुर में रेलवे सुरक्षा के नाम पर बड़ा मजाक
शाहजहांपुर में रेलवे सुरक्षा के नाम पर बड़ा मजाक चल रहा है। रेलवे सुरक्षा में लापरवाही का आलम यह है कि सिर्फ 75 कार्रवाई हुई हैं, बाकी सब भगवान भरोसे ह ...और पढ़ें

बंद रेलवे फाटक के नीचे से निकलते लोग
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। रेल पटरी पार करने पर जुर्माने से लेकर छह माह की सजा तक का प्रावधान है। नियमों का पालन कराने व कार्रवाई करने की जिम्मेदारी आरपीएफ पर है, लेकिन न तो प्रभावी निगरानी हो रही है और न ही नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई....।
हादसों के बाद अधिकारी घटनास्थल पर दौड़ते हैं।
चेतावनी देते हैं, नियमों का पाठ पढ़ाते हैं। दो दिन बाद व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर आ जाती है। लोग फाटक बंद होने पर भी पटरी पार करके निकलते हैं। रेलवे जंक्शन व अन्य क्रासिंग पर भी यही स्थिति आम हो चुकी है। बावजूद इसके जनवरी से अब सिर्फ 75 लोगों पर चालान काटने की कार्रवाई हुई। पैदल रेल पटरी पार करने पर 6,500 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
बुधवार को रोजा जंक्शन के पास ट्रेन से कटकर दंपती व उनके दो बच्चों समेत पांच लोगों की जान जाने के पीछे इन लोगों के साथ ही आरपीएफ की लापरवाही भी अहम रही। इस बार भी हादसा होने पर जिले से लेकर मंडल तक के रेलवे अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। दिशा निर्देश दिए, लेकिन नियमों को तोड़ने वालों की निगरानी व कार्रवाई को लेकर ठोस व्यवस्था बनाने पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
सिर्फ दो गेटों पर पेट्रोलिंग
आरपीएफ की सीतापुर ब्रांच लाइन पर तिलहर के गेट नंबर 333 से महोली व लखनऊ दिल्ली लाइन पर तिलहर से कहेलिया रेलवे स्टेशन तक सुरक्षा की जिम्मेदारी है। दोनों लाइन पर 12 क्रासिंग गेट इनके अधीन हैं, लेकिन पेट्रोलिंग सिर्फ गेट नंबर 320 मोहम्मदी व 318 अटसलिया पर हो पा रही है।
वह भी शाम छह से सुबह छह बजे तक...। जबकि 10 अन्य स्थानों पर घटना होने, जाम लगने या फिर अन्य कोई समस्या होने पर ही आरपीएफ की टीम पहुंचती है। ऐसे में लोग बिना किसी रोक-टोक के ही क्रासिंग बंद होने के बाद भी निकलते रहते हैं, जो हादसे का बड़ा कारण भी बनते हैं।
सीसीटीवी तक नहीं लगे
कहने को तो रेलवे के अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने पर जोर देते हैं। इसके बावजूद सिर्फ गेट संख्या 321 मोक्षधाम रेलवे क्रासिंग पर ही सीसीटीवी लगा है। वहीं, गेट संख्या 322 गोविंदगंज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। जबकि 323 बस अड्डा पर भी अब तक सीसीटीवी लगाने की व्यवस्था नहीं की गई। जबकि यहां से सबसे ज्यादा आवागमन होता है। हालांकि यहां अब नवीनीकरण का कार्य चल रहा है।
रेल पटरियां पार करने पर समय-समय पर चालान करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता है। लोगों को जागरूक भी किया जाता है। हर क्रासिंग पर आरपीएफ की ड्यूटी लगाना संभव नहीं है। अटसलिया व मोहम्मदी क्रासिंग पर रात में नियमित पेट्रालिंग की जाती है।
- मदन सिंह, उपनिरीक्षक आरपीएफ
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