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    मकसूदापुर मिल पर ADM की कार्रवाई से खलबली... 40 करोड़ की चीनी गोदाम सील, किसानों का 126 करोड़ भुगतान नहीं हुआ

    Updated: Sun, 18 May 2025 10:51 AM (IST)

    शाहजहांपुर के बंडा स्थित मकसूदापुर चीनी मिल द्वारा किसानों का 126 करोड़ से अधिक का भुगतान न करने पर एडीएम वित्त अरविंद कुमार ने मिल के गोदाम को सील कर दिया। गोदाम में लगभग 40 करोड़ रुपये की चीनी है। भुगतान प्रक्रिया शुरू होने तक ताला नहीं खोला जाएगा। मिल ने 21 हजार किसानों से गन्ना खरीदा था लेकिन भुगतान नहीं किया गया।

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    बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमटेड मकशुदापुर में गोदाम को सील कराते एडीएम अरविंद कुमार । सौ. सूचना विभाग

    जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। किसानों का 126 करोड़ से अधिक का भुगतान न करने वाली बंडा स्थित मकसूदापुर चीनी मिल के गोदाम को एडीएम वित्त अरविंद कुमार ने सील कर दिया। उन्होंने भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने तक ताले खोलने से इन्कार कर दिया।

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    गोदाम में 40 करोड़ रुपये की एक लाख क्विंटल चीनी स्टाक है। पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिल ने 21 हजार किसानों से गन्ना खरीद की थी, जिसका कुल भुगतान 169 करोड़ 83 लाख रुपये बना था, लेकिन मिल प्रशासन की ओर से 27 नवंबर तक 43 करोड़ पांच लाख का ही भुगतान किया गया। शेष 126 करोड़ 78 लाख रुपये की बकाया धनराशि को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था।

    मिल पर वर्ष 2020- 21 गन्ना मूल्य के विलंबित भुगतान पर देय ब्याज 16 करोड़ 70 लाख रुपया की आरसी भी जारी थी। बावजूद इसके भुगतान नहीं किया जा रहा था, जिसको लेकर डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर एडीएम वित्त अरविंद कुमार ने जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्रा, एसडीएम पुवायां चित्रा निर्वाल के साथ चीनी मिल पहुंचकर वहां चीनी स्टाक, शिरा और कोजन का निरीक्षण किया। गन्ना किसानों का अवशेष भुगतान भुगतान न करने के कारण गोदाम को सील कर दिया।

    21 हजार किसानों से खरीदा गन्ना

    चीनी मिल में पांच नवंबर 2024 को सत्र शुरू किया था। जो इस वर्ष 30 फरवरी तक चला। इस अवधि में 46.20 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई। सात हजार टन क्रश प्रतिदिन की क्षमता वाली इस मिल को 25 हजार हेक्टेयर गन्ना आवंटित किया गया था। मिल प्रशासन की ओर से पुवायां, पुरनपुर व बीसलपुर के तीन समितियों के गेट व 37 क्रय केंद्रों से लगभग 21 हजार किसानों का गन्ने की खरीद की गई।

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    तो किसान नहीं करेंगे गन्ने की फसल

    एडीएम ने बताया कि किसान भुगतान के लिए जिला मुख्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं। किसी को बेटी की शादी करनी है तो किसी को बच्चों की फीस जमा करनी है। मिल के रवैए के कारण किसान दूसरी फसलों का रुख कर रहे हैं। ऐसा हाल रहा तो इस क्षेत्र में गन्ने की फसल खत्म होने लगेगी। प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विकास व डीएम के लगातार निर्देश व चेतावनी के बाद भी कोई ध्यान न दिए जाने पर यह कार्रवाई की है। इस दौरान मिल के यूनिट हेड आरबी खोखर सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।