रात में अचानक मेडिकल कॉलेज पहुंचे डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह, तड़पते मरीज को देखकर हुए नाराज; कार्रवाई के निर्देश
शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में मरीजों के साथ हो रही लापरवाही का मामला सामने आया है। एक मरीज को पेट दर्द की शिकायत के बावजूद छह घंटे तक इलाज नहीं मिला। डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित चिकित्सकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्राचार्य से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। मरीजों के प्रति डॉक्टर गंभीर नहीं दिखे।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों के उपचार में लापरवाह हो रही है। कुछ चिकित्सक आपात स्थिति को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार रात सामने आया। डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह यहां निरीक्षण करने पहुंचे तो ट्रॉमा सेंटर में मरीज पेट दर्द के कारण तड़पते हुए बन्ने बख्श मिले।पूछने पर पता चला कि साढ़े पांच घंटे से अधिक समय हो गया, लेकिन चिकित्सक नहीं आए।
डीएम ने उपचार कराया। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित चिकित्सकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्राचार्य से भी स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।
डीएम रात लगभग लगभग 10 बजकर 35 मिनट पर स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचे। यहां परिसर का निरीक्षण करने के बाद लगभग 11 बजे ट्रॉमा सेंटर में गए तो वहां बंडा की रामनगर कॉलोनी निवासी बन्ने बख्श भर्ती मिले। उनका पेट काफी फूला हुआ था और वह दर्द से तड़प रहे थे। उनके साथ मौजूद तीमारदार ने बताया कि शाम लगभग साढ़े छह बजे बन्ने को पेट दर्द की समस्या के कारण यहां भर्ती कराया था। उसके बाद से उपचार नहीं मिला।
डीएम ने ली जानकारी
डीएम ने जब ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर शिखर से पूछा तो उन्होंने बताया कि जांचें कराई गईं थीं। लगभग आठ बजे मरीज के उपचार के लिए सर्जन डॉक्टर हर्ष को कॉल करके बुलाया गया था, लेकिन वह आए नहीं हैं। साढ़े पांच घंटे बाद भी गंभीर स्थिति के मरीज को उपचार न मिलने पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जतायी। काल करके प्राचार्य को भी बुलवाया। उसके बाद चिकित्सक भी आए और बन्ने बख्श को भर्ती होने के छह घंटे बाद उपचार मिल सका।
मरीजों को लेकर गंभीर नहीं दिखे डॉक्टर, डीएम ने व्यक्त की नाराजगी
डीएम ने मेडिकल कॉलेज में मरीजों को गम्भीरता से नहीं लिए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्वेच्छा व लापरवाही से कार्य करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राजेश कुमार को पर्यवेक्षणीय दायित्व व अधीनस्थों पर शिथिल नियंत्रण रखने के आरोप में नोटिस जारी करते हुए उनसे भी तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। इस दौरान नगर आयुक्त विपिन कुमार मिश्रा, नगर मजिस्ट्रेट प्रवेंद्र कुमार मौजूद रहे।
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मुझे तो बन्नेबख्श नाम के किसी भी मरीज के संबंध में कोई भी शिकायत नहीं मिली है। डीएम समेत अन्य किसी अधिकारी की ओर से भी इस संबंध में कोई पत्र नहीं मिला है। फिर भी इस प्रकरण की जानकारी लेकर उचित उपचार के प्रबंध कराए जाएंगे। प्रोफेसर डॉक्टर राजेश कुमार, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज
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