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    सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बताना होगा, 24 नवंबर को कहां थे? आज पुलिस के सवालों से होगा आमना-सामना

    Updated: Tue, 08 Apr 2025 08:40 AM (IST)

    24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में हुई हिंसा के आरोपित सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से पुलिस पूछताछ करेगी। सांसद से उनके ठिकाने शहर से बाहर जाने के कारण और हिंसा से पहले और बाद में जामा मस्जिद के सदर जफर अली से फोन पर बातचीत के बारे में पूछताछ की जाएगी। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट से स्थगनादेश पर हैं।

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    Sambhal News: संभल से सपा के सांसद हैं जियाउर्रहमान बर्क।

    जागरण संवाददाता, संभल। Sambhal News: जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा के आरोपित सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ की पुलिस ने तैयारी कर ली है। सांसद मंगलवार (आठ अप्रैल) को पुलिस के सवालों का सामना करेंगे। उनसे 24 नवंबर को वह कहां थे? शहर से बाहर क्यों गए थे? हिंसा से पहले और बाद में जामा मस्जिद के सदर जफर अली से फोन पर क्या बात की? पीआरओ के नंबर पर क्यों काल कराई? इस तरह के कई सवाल पूछे जा सकते हैं।

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    सांसद के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी है। अपनी गिरफ्तारी को लेकर सांसद हाई कोर्ट से स्थगनादेश पर हैं। पुलिस ने उनके दिल्ली स्थित आवास पर 25 मार्च की रात नोटिस देकर आठ अप्रैल को जांच में सहयोग करने को कहा था।

    चार लोगों की मौत और 30 पुलिस वाले हुए थे घायल

    हिंसा की जांच कर रहा विशेष जांच दल (एसआइटी) के सीओ कुलदीप कुमार ने बताया कि सांसद को जांच में सहयोग के लिए बुलाया गया है। हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी, 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मामले में सात प्राथमिकी पुलिस ने दर्ज कराई, चार मृतकों के स्वजन और एक प्राथमिकी घायल की ओर से कराई गई थी। पुलिस की ओर से दर्ज छह प्राथमिकी में चार्जशीट लग चुकी है।

    एक मुकदमे में नहीं लगी है चार्जशीट

    दारोगा दीपक राठी की ओर से दर्ज एक मुकदमे (अपराध संख्या 335/24) में चार्जशीट नहीं लगी है। इसी में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल नामजद और 700-800 अज्ञात आरोपित हैं। जांच के बाद इसी मामले में 23 मार्च को जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी हुई है। हाई कोर्ट ने सांसद बर्क की याचिका पर गिरफ्तारी पर स्टे देने के साथ जांच में सहयोग करने को कहा है। प्राथमिकी में नामजद होने के साथ पुलिस को सांसद के खिलाफ कई और भी साक्ष्य मिले हैं।

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    24 नवंबर को शहर से बाहर थे सांसद

    हिंसा के मास्टर माइंड दुबई में छिपे अंतरराष्ट्रीय आटो लिफ्टर शारिक साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज और गुलाम ने भी हिंसा के लिए राजनीतिक संरक्षण की बात कही है। गुलाम ने बर्क परिवार से नजदीकियों के बारे में भी बताया है। साथ ही जफर अली से पूछताछ में हिंसा से पहले और बाद में सांसद के संपर्क में टेलीफोनिक संपर्क में रहने की जानकारी मिली है। 24 नवंबर को हिंसा के दौरान शहर से बाहर थे। पता चला है, वह बेंगलुरू थे। पुलिस उनसे बाहर जाने का कारण, कार्यक्रम था तो सरकारी या गैर सरकारी ?इसके बारे में पूछ सकती है। 

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