संभल हिंसा में कितने करोड़ का हुआ नुकसान? डीएम ने जारी किया आंकड़ा; उपद्रवियों से की जाएगी भरपाई
सांभल हिंसा में हुए नुकसान का आंकलन किया गया है। डीएम ने बताया कि उपद्रवियों ने करीब सवा करोड़ रुपये का नुकसान किया है। पुलिस बिजली और परिवहन विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। उपद्रवियों से ही इस नुकसान की भरपाई की जाएगी। पुलिस ने 800 उपद्रवियों को चिह्नित किया है जिनमें से 400 के फोटो जारी किए जा चुके हैं।

जागरण संवाददाता, संभल। हिंसा व आगजनी में करीब सवा करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पुलिस, बिजली और परिवहन विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। उपद्रवियों ने चंदौसी के सीओ संतोष कुमार की सरकारी बोलेरो और कई दारोगाओं के निजी वाहन फूंक डाले थे। सीसीटीवी भी तोड़ दिए। बिजली के तारों को भी क्षति पहुंचाई। इस नुकसान की रिपोर्ट डीएम व एसपी तैयार कर शासन स्तर पर भेजेंगे। इसकी उपद्रवियों से ही भरपाई की जानी है।
इधर, पुलिस ने आठ सौ उपद्रवियों को चिह्नित किया है। इनमें चार सौ के फोटो जारी किए जा चुके हैं। 84 की पहचान कर ली गई है। जबकि, इससे अलग 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। तीन ओर से आई भीड़ ने पुलिस पर धावा बोल दिया। भीड़ ने पथराव, आगजनी और फायरिंग की। साथ ही सीसीटीवी भी तोड़ दिए। इनकी कई वीडियो सामने आ चुके हैं। उपद्रव करने वाले अधिकांश युवा रहे।
800 उपद्रवियों को किया गया चिह्नित
उन्होंने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा था। अब तक पुलिस ने आठ सौ उपद्रवियों को चिह्नित कर लिया है। इनमें दो चरणों में चार सौ के फोटो जारी किए जा चुके हैं। इसके आधार पर 84 की पहचान कर ली गई है। अन्य के फोटो और पोस्टर जारी करने की भी तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने का आदेश दिया है। इसके आधार पर डीएम राजेंद्र पैंसिया ने सभी विभागों ने रिपोर्ट तैयार करने को कहा था।
सवा करोड़ का हुआ नुकसान
डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि उपद्रवियों द्वारा पथराव, फायरिंग व आगजनी के अलावा बांस बल्लियों से भी तोड़फोड़ की गई थी, जिसमें करीब सवा करोड़ का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। पूरे नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी।
24 नवंबर को संभल में हुआ था बवाल
19 नवंबर को आठ लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा पेश किया था। इसमें कहा गया था कि हरिहर मंदिर तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण कराया गया है। इसको लेकर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। उसी दिन सर्वे कराया गया, लेकिन रात होने और भीड़ लगातार बढ़ने के कारण इसे बाद में पूरा करने का निर्णय एडवोकेट कमिश्नर द्वारा लिया गया।
24 नवंबर की सुबह दोनों पक्षों के लोगों के साथ एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव टीम के साथ पहुंच गए थे, तभी सर्वे का विरोध करते हुए भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव कर दिया। फायरिंग भी हुई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी घायल हुए थे।
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