अच्छे दाम की उम्मीद में डूबे किसान! कोल्ड स्टोरेज का स्टॉक और गिरती कीमतों ने बढ़ाई चिंता
उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों को अच्छे दाम की उम्मीद थी, लेकिन कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक और गिरती कीमतों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इससे किसानो ...और पढ़ें

मंडी में बिकता आलू
संवाद सहयोगी, जागरण, संभल। जिले में आलू किसानों की उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया है। खेतों से नया आलू मंडियों में पहुंच चुका है, लेकिन बाजार में दाम इतने कम हैं कि किसानों को अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। कोल्ड स्टोरेज में अभी भी बड़ी मात्रा में पुराना आलू जमा होने के कारण बाजार में सप्लाई अधिक है। जिसका सीधा असर नए आलू की कीमतों पर पड़ रहा है। वहीं पुराना आलू कम कीमतों में बिक रहा है। इससे किसानों में निराशा है।
जनपद में प्रति वर्ष 14 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल की जाती है। इस बार मौसम अनुकूल रहा और पैदावार भी ठीक-ठाक हुई, लेकिन बाजार में हालात किसानों के पक्ष में नहीं हैं। मंडियों में नया आलू पहुंचते ही कीमतें गिर गईं, जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ दिखाई दे रही है।
किसानों का कहना है कि बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई और मजदूरी पर इस बार पहले से ज्यादा खर्च आया है। डीजल और खाद के बढ़े दामों ने खेती की लागत को और बढ़ा दिया है। ऐसे में जब आलू मंडी में सात से आठ रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है तो लागत निकालना तो दूर, कर्ज चुकाना भी मुश्किल हो गया है।
इस संकट की बड़ी वजह कोल्ड स्टोरेज में भरा पुराना आलू बताया जा रहा है। जनपद में 70 कोल्ड स्टोरेज हैं। पिछले सीजन का आलू अब भी इन कोल्ड स्टोरेज में रखा है, जिसे व्यापारी बाजार में औने-पौने दामों पर निकाल रहे हैं। सस्ता पुराना आलू उपलब्ध होने से नए आलू की मांग कम है। नतीजा यह है कि ताजा आलू होते हुए भी किसानों को सही कीमत नहीं मिल पा रही।
पुराने आलू की बात करें तो उसकी कीमत भी मंडी में सात से आठ रुपये किलो तक है। बाजार में नए और पुराना आलू 10 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। वहीं थोक की बात करें तो मंडी में पुराना आलू 700 रुपये प्रति क्विंटल और नए आलू का भाव 800 रुपये प्रति क्विंटल है। किसानों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें फसल औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है।
अगर आलू खेत में ज्यादा दिन रोका जाए तो खराब होने का डर रहता है और नया आलू अभी कोल्ड स्टोरेज में रखने लायक नहीं है। ऐसे में किसान नुकसान सहकर भी तुरंत बिक्री करने को मजबूर हैं। व्यापारियों का तर्क है कि बाजार में सप्लाई ज्यादा और मांग सीमित है। ऊपर से पुराना आलू भी लगातार बाजार में आ रहा है। फिलहाल किसान आस लगाए बैठे हैं कि बाजार में जल्द सुधार हो और उन्हें अपनी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।
अच्छे दाम की आस में नहीं की निकासी
जिले में पिछले सीजन के आलू को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में किसानों ने कोल्ड स्टोरेज से समय पर निकासी नहीं की। आलू की नई फसल का समय आने पर भी किसान सचेत नहीं हुए और पुराना आलू भंडारण में ही रखा रहा। इसी बीच खेतों से नया आलू बाजार में आ गया, लेकिन कोल्ड स्टोरेज में भरा पुराना आलू अब मौजूद है। मंडी में पुराने आलू को औने-पौने दामों पर निकाला जा रहा है, जिससे नए आलू के भाव भी गिर गए हैं। ग्राहक भी कम दाम और लंबे समय तक टिकने की वजह से पुराने आलू को तरजीह दे रहे हैं।
हमारे यहां पिछले सीजन का काफी आलू अभी भी जमा है। किसानों ने अच्छे दाम की उम्मीद में समय पर निकासी नहीं कराई। अब नया आलू आ गया है, जिससे दबाव बढ़ गया है। बाजार में मांग कम है, इसलिए व्यापारी भी पुराना आलू सस्ते में निकाल रहे हैं।
- अमित त्यागी, कोल्ड स्टोरेज स्वामी
हमने सोचा था कि पुराने आलू के दाम और बढ़ेंगे, इसलिए कोल्ड स्टोरेज से निकासी नहीं की। अब नया आलू आ गया और पुराना भी बिक नहीं रहा। मंडी में इतने कम भाव हैं कि लागत भी नहीं निकल पा रही। मजबूरी में नुकसान सहकर बेचने की नौबत आ गई है।
- किरनपाल सिंह चाहल, किसान
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