Sambhal Violence: संभल हिंसा मामले में 24 आरोपियों के खिलाफ NBW जारी, अब तक 60 को भेजा जा चुका है जेल
यूपी के संभल में बीते 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में आरोपित दो दर्जन लोगों के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। सभी आरोपित नखासा थाना क्षेत्र के हैं। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि संभल में हुई हिंसा के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
जागरण संवाददाता, चंदौसी। यूपी के संभल में बीते 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के आरोपितों को सजा दिलाने के लिए पुलिस कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। फरार आरोपितों पर जहां इनाम घोषित करने की तैयारी की जा रही है वहीं पुलिस की पैरवी के चलते अदालत ने संभल हिंसा में आरोपित दो दर्जन लोगों के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। सभी आरोपित नखासा थाना क्षेत्र के हैं।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि संभल में हुई हिंसा के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। जिला या आसपास क्षेत्र में ही नहीं दूसरे प्रदेशों में भी इनकी तलाश की जा रही है। गुरुवार को भी दो आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अभी तक इस मामले में 60 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि नखासा थाना पुलिस की पैरवी के चलते अदालत ने हिंसा के 24 आरोपितों के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
न्यायिक आयोग 21 जनवरी को दर्ज करेगा गवाहों के बयान
संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए योगी सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 21 जनवरी 2025 को गवाहों के बयान दर्ज करेगा। आयोग के सदस्य सोहनलाल ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों को अपने लिखित बयान देने का समय दिया है।
इससे पहले आयोग ने 11 दिसंबर को घटना से संबंधित जानकारी रखने वाले लोगों को बयान देने के लिए बुलाया था, लेकिन किसी ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए। आयोग ने अब तक घटना में मृतकों के पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों और फार्मासिस्ट के बयान एफिडेविट के साथ दर्ज किए हैं।
उधर, मजिस्ट्रेट जांच के लिए नियुक्त डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के पैनल प्रमुख हैं, इस जिम्मेदारी के कारण बयान दर्ज नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अब तक चार बार जांच की तारीख बढ़ाई है, जिससे जांच में देरी हो रही है। न्यायिक आयोग हालांकि साक्ष्य संकलन में सक्रिय है और घटनास्थल पर गहराई से जांच कर रहा है। पीड़ित परिवारों को उम्मीद है कि 21 जनवरी को गवाहों के बयान दर्ज होने से हिंसा के कारणों और दोषियों का पता लगाने में मदद मिलेगी। प्रशासन पर बढ़ते दबाव के बीच, इस तारीख को लोग बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।