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    Sambhal Violence: न्यायिक आयोग ने शुरू की जांच, DM-SP के दर्ज होंगे बयान; सुरक्षा को पुल‍िस-प्रशासन अलर्ट

    संभल हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 28 फरवरी को चौथी बार संभल पहुंच चुका है। सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में सेवानिवृत्त आईपीएस एके जैन और आईएएस अमित मोहन प्रसाद ने जांच शुरू कर दी है। आयोग हिंसा से जुड़े अधिकारियों चिकित्सकों और अन्य गवाहों के बयान दर्ज करेगा। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।

    By Shiv Narayan Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Fri, 28 Feb 2025 11:24 AM (IST)
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    आज चौथी बार संभल पहुंचा न्यायिक आयोग।

    जागरण संवाददाता, संभल। 24 नवंबर 2024 को हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद विवाद के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग 28 फरवरी को चौथी बार संभल पहुंंच चुका है। शुक्रवार की सुबह करीब 10:30 बजे न्यायिक आयोग के सदस्य संभल लोक निर्माण भवन अतिथि गृह पहुंचे।

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    यहां टीम में शामिल अधिकारी हिंसा से जुड़े लोगों के बयान दर्ज करेंगे। टीम के आने को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सीओ अनुज चौधरी भारी पुलिस बल के साथ गेस्ट हाउस के गेट पर तैनात दिखाई दिए।

    इसी बीच करीब 11.12 बजे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी वहां पहुंचे। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भी हिंसा को लेकर अपने बयान दर्ज कराएंगे। आयोग ने जांच शुरू कर दी है। 

    30 जनवरी को आया था आयोग

    पिछली बार आयोग 30 जनवरी को संभल आया था और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक बयान दर्ज किए थे, जिसमें सीएमओ डॉ. तरुण पाठक, हिंसा में घायल डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू, अपर पुलिस अधीक्षक श्री चंद्र और प्रभारी निरीक्षक नखासा शामिल थे। साथ ही पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों, सपा विधायक इकबाल महमूद और जामा मस्जिद इंतजामियां कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अली के भी बयान दर्ज किए गए थे।

    न‍िर्धार‍ित थी 15 फरवरी की तारीख

    हालांकि, उस दिन अन्य लोगों को यह कहकर वापस कर दिया गया था कि सिर्फ अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज हो रहे हैं, जिसके बाद आयोग ने 15 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी। इससे पहले आयोग ने एक दिसंबर को हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था, फिर 21 जनवरी को दूसरी बार आकर 51 लोगों के बयान दर्ज किए थे।

    73 से अधिक गवाहों के बयान हो चुके हैं दर्ज

    इनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल थे। अब तक 73 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इस बार भी कई अहम गवाहों को बुलाए जाने की संभावना है। आयोग इस बार भी हिंसा से जुड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज करेगा, जिससे दंगे के दौरान की गई प्रशासनिक कार्रवाई और घायलों के उपचार की विस्तृत जानकारी सामने आ सके।

    आयोग के आने से पहले पुलिस और प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा हुआ है, ताकि सभी जरूरी दस्तावेज और गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें।

    वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दर्ज हो चुके हैं कारागार से बंदियों के बयान

    संभल: जांच आयोग संभल हिंसा में आरोपित लोगों के भी बयान रिकॉर्ड कर चुका है। इसके लिए मुरादाबाद जिला कारागार में बंद बंदियों के बयानों के लिए आयोग की सदस्यों ने लखनऊ से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जारी बयान दर्ज किए हैं, जिन्हें अपनी जांच में शामिल करेगा।

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