Sambhal Violence: संभल हिंसा 17 आरोपितों की जमानत याचिका खारिज, अन्य अर्जियों पर सात मार्च को होगी सुनवाई
संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के आरोप में गिरफ्तार 17 लोगों की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय की अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपितों ने निषेधाज्ञा के बावजूद हिंसा पथराव और फायरिंग की जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हुए। अदालत ने सभी जमानत प्रार्थना पत्रों को अस्वीकार कर दिया।
जागरण संवाददाता, चंदौसी। संभल जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में शामिल होने के आरोपित 17 लोगों की जमानत अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें सभी के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए गए। एक सप्ताह पूर्व कोर्ट में दाखिल की गई छह मुकदमों की चार्जशीट के उपलब्ध कराने के लिए बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से अनुरोध किया गया। अन्य जमानत अर्जियों पर सुनवाई के लिए अब कोर्ट ने सात मार्च की तारीख लगाई है।
संभल हिंसा में शामिल कोतवाली क्षेत्र के मुकदमा अपराध संख्या 333 में आरोपित फैजान, समीर, मुहम्मद सलीम, सलमान, हैदर, रिहान, मुहम्मद फिरोज, मुहम्मद तहजीव, मुकदमा अपराध संख्या 334 में आरोपित अजीम व मुकदमा अपराध संख्या 336 में मुहम्मद रिहान, बाबू, शारिक, मुकदमा अपराध संख्या 337 में आरोपित मुहम्मद रिहन, हैदर, नईम, गुफाम, शारिक, अजीम, समीर, आफताब एवं आमिर की ओर से जमनत के लिए कोर्ट में अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अर्जी दाखिल की थीं।
इसके अलावा हिंसा में ही नखासा थाना में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 305 में मुहम्मद अनस, सुभान उर्फ मुन्ना, मुहम्मद सुल्तान और आरफीन जबकि इसी थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 304 में आरोपित मुहम्मद अनस, सुभान उर्फ मुन्ना, मुहम्मद सुल्तान, आरिफ उर्फ सुल्तान और आरफीन की ओर से दिए गए जमानत प्रार्थना पत्रों 27 फरवरी कोर्ट में सुनवाई हुई।
17 लोगों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई
हिंसा के आरोपितों की जमानत पर सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश रेप एंड पाक्सो निर्भय नारायण राय की अदालत में चल रही है। गुरुवार को 17 लोगों के जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि अज्ञात में दर्ज मुकदमों में पुलिस ने बेगुनाहों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है।
संभल हिंसा में शामिल आरोपितों की तलाश कर रही पुलिस - जागरण
अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने दलील दी कि निषेधाज्ञा लागू होने के के बाद भी ड़ के रूप में पहुंचे आरोपितों की ओर से पुलिस पर हमला किया गया, पथराव व फायरिंग में पुलिस अधिकारी व सिपाही घायल हुए थे। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने सभी जमानत प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया।
संभल हिंसा में चार लोगों की गई जान
संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने बाद पहले 19 नवंबर और दोबारा 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे किया गया। इसी दौरान हिंसा भड़क गई और जमकर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। इसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों समेत डेढ़ दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी गोली व पत्थर लगने से घायल हो गए थे। पुलिस की ओर से हिंसा में शामिल 37 लोगों को नामजद करते हुए 3750 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इसमें अब तक 79 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय के माध्यम से जेल भेजा जा चुका है। एडीजीसी ने बताया कि अभी तक 47 आरोपितों के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज हो चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से अब तक दाखिल की गई चार मुकदमों की चार्जशीट कोर्ट से मांगी गई, लेकिन अभी उपलब्ध नहीं हुई है।
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