पहले खरीदी गईं पॉलिसी, फिर हत्याएं... दो युवकों की हत्या को हादसा दिखाकर 98 लाख रुपये हड़पे; 7 गिरफ्तार
बीमा के 98 लाख रुपये हड़पने के लिए एक गिरोह ने दो युवकों की हत्या कर दी और उसे हादसे का रूप दिया। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि आरोपियों ने पहले बीमा पॉलिसी खरीदी फिर युवकों को मारकर दुर्घटना दर्शाई। पुलिस ने गिरोह के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है और अन्य संभावित हत्याओं की जांच कर रही है।

संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई। बीमा पॉलिसी के जरिए क्लेम हड़पने के मामले में पुलिस ने एक और बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसमें बीमा गिरोह के सदस्य शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद दो हत्याओं की कहानी सामने आई है।
अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अनुकृति शर्मा ने बताया कि दिल्ली से पकड़े गए शाहरुख के मोबाइल से मिले डाटा की पड़ताल के बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बीमा की रकम के लिए दो हत्याएं कीं और उन्हें हादसा बताकर क्लेम ले लिया।
गिरफ्तार आरोपितों में धनारी थाना क्षेत्र के धनारी स्टेशन के निवासी दो सगे भाई वेद प्रकाश और कमल सिंह, मीणा की मढ़ैया गांव का निर्देश कुमार, बाय भूड़ का प्रेम शंकर, भागनगर का ओमप्रकाश, रजपुरा थाना क्षेत्र के हिरौनी गांव का सुनील कुमार और कुढ़फतेहगढ़ के पैगा रफातपुर गांव का उदयभान शामिल हैं। जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने अमरोहा जिले के रहरा क्षेत्र में अलग अलग समय पर दो युवकों की हत्या कर उनके शव को एक्सीडेंट की शक्ल दी।

संभल पुलिस की फाइल फोटो।
सिर पर वार कर मौत के घाट उतारा गया
पहली घटना में अमन नाम के युवक को पहले सिर पर वार कर मौत के घाट उतारा गया, फिर उसे सड़क किनारे एक्सीडेंट जैसा दिखाया गया। मामले की रिपोर्ट रहरा थाने में दर्ज कराई गई और जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट लगाकर बीमा क्लेम की प्रक्रिया शुरू की गई। अमन के नाम पर 2.70 करोड़ की बीमा पालिसी ली गई थी, जिसमें से 20 लाख रुपये का भुगतान बीमा कंपनी से प्राप्त किया जा चुका था और बाकी क्लेम के लिए आवेदन किया गया था।
78 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त किया
दूसरी घटना में धनारी स्टेशन के ही सलीम नामक युवक की हत्या कर उसी रहरा क्षेत्र में एक्सीडेंट के रूप में पेश किया गया, जिसकी बीमा पॉलिसी के आधार पर 78 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त किया गया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि क्लेम की धनराशि सभी आरोपितों के बैंक खातों में ट्रांजैक्शन कर बांटी गई, जिसकी पुष्टि दस्तावेजों और बरामद मोबाइल डेटा से हुई है।
पहले पालिसी खरीदी गई, फिर हत्या की गई
पुलिस ने दोनों मामलों को हत्या करार देते हुए गिरोह के नेटवर्क और पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम प्राप्त करने तक की पूरी श्रृंखला को खंगाला है। सबसे अहम बात यह है कि इन दोनों मामलों में बीमा के लिए पहले पॉलिसी खरीदी गईं, फिर हत्या की गईं और बाद में उसे हादसे का रूप दिया गया। जिससे बीमा कंपनी से धनराशि प्राप्त कर ली जाए। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और संभावित हत्याओं की भी जांच कर रही है।

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