संभल में बावड़ी की खोदाई के बीच सामने आई हैरान करने वाली बात, लेखपाल पहुंचे तो लोग बैनामे दिखाने लगे
Sambhal News आठ दिनों से संभल में बावड़ी की खाेदाई का काम चल रहा है। जब मजदूर खाेदाई कर रहे थे तब पता लगा कि बावड़ी के ऊपर मकान बना लिया है। इसकी नाप में राजफाश हुआ।राजस्व विभाग की जांच के दौरान कई लोग अपने बैनाम लेकर पहुंचे। प्रशासन इसकी जांच करेगा जिसके बाद ये मकान तुड़वाए जा सकते हैं।

जागरण संवाददाता, संभल। चंदौसी में बावड़ी की दीवार पर मकान बना लिया गया है। शनिवार को खोदाई के दौरान इसका पता चला है। लेखपाल बुलाकर बावड़ी के आसपास पैमाइश कराई। इससे आसपास के लोगों में खलबली मच गई। बावड़ी के प्रवेश द्वार पर यह मकान खड़ा था।
लेखपाल को भवन स्वामी बैनामा दिखाने में लग गए। माना जा रहा है कि बैनामे भी गैरकानूनी तरीके से कराए गए हैं। पता चला है कि जमीन पर कई मकान बने हैं। सभी ने बैनामा कराया है। जमीन को बिलारी-सहसपुर के राजा का वारिस बताने वालों ने बेचा है। इसकी जांच होने पर भूमाफिया का बड़ा राजफाश हो सकता है। जिला प्रशासन इन निर्माण को ध्वस्त करा सकता है।
आठ दिन से चल रही है बावड़ी की खोदाई
चंदौसी में आठ दिन से बावड़ी की खोदाई कराई जा रही है। इसकी एक मंजिल सामने आ गई है। इसके नीचे एक और मंजिल होने की संभावना है। ऊपर की मंजिल को तोड़कर इसे पाट दिया गया था। राजस्व अभिलेखों में 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बावड़ी है। अब 210 वर्ग मीटर भूमि ही बची है। बाकी पर कब्जा कर मकान बना लिए गए हैं। इसके अलावा बावड़ी के पास 28 बीघा जमीन को भी बेचे जाने का पता चला है।
बावड़ी की दीवार पर बना मकान।
नक्शे के हिसाब से लेखपालों ने की नाप
नक्शे के हिसाब से लेखपालों ने शनिवार को नाप की, तो एक तरफ लोगों के आवागमन के लिए बनी सड़क व दूसरी तरफ एक मकान के नीचे का कुछ हिस्सा आया। खोदाई शुरू की गई तो मकान के नीचे खाली जगह और मकान की दीवार बावड़ी की दीवार पर टिकी नजर आई।
सड़क से लेकर मकान के अंदर तक बावड़ी
शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण की चार सदस्यीय टीम ने बावड़ी पर पहुंचकर आधा घंटा तक गहनता से जांच की। उन्होंने मुहल्ले के ही बांके बिहारी मंदिर की प्राचीनता का आकलन करने के लिए मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाए। बावड़ी के सामने अवैध रूप से सड़क का निर्माण कराया गया है।
बावड़ी की जांच करती एएसआई की टीम।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई बावड़ी
एएसआई के मेरठ सर्किल के पुरातत्वविद विनोद रावत ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई बावड़ी है। सभी की संरचना एक जैसी है। एक अमरोहा में है, जिस बाय का कुआं कहा जाता है। संभल में चोर कुआं के नाम से है। इसके अलावा एक मझेड़ा में और इसी तरह से यह चंदौसी की बावड़ी है। उन्होंने कहा कि चंदौसी में बावड़ी के साथ ही बांके बिहारी मंदिर का भी सर्वे किया गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर निदेशालय को भेजी जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।