'10-20 को मारोगे तो बैकफुट पर आ जाएगी सरकार', संभल हिंसा में शारिक साटा गैंग के गुर्गों की गोलियों से मरे थे बिलाल व अयान
संभल में मस्जिद सर्वे के विरोध में हुई हिंसा में चर्चित अपराधी शारिक साटा के कनेक्शन की पुष्टि हुई है। पुलिस ने उसके गिरोह में काम करने वाले एक बदमाश को पकड़ लिया है। जिसने पूछताछ में कहा है कि हिंसा करवाने में शारिक साटा का मुख्य रोल रहा है। उसके इशारे पर गुर्गे हिंसा में शामिल हुए और गोलियां चलाईं।
जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा का षड्यंत्र दुबई में रचा गया था। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय आटो लिफ्टर गिरोह के सरगना कुख्यात शारिक साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज समेत दस आरोपितों को गिरफ्तार कर यह राजफाश किया है। अफरोज 2012 से दुबई में छिपे साठा के संपर्क में था। उसके कहने पर चोरी के वाहनों और हथियारों की सप्लाई करता रहा है।
पूछताछ में उसने स्वीकारा कि साठा ने अपने गुर्गों को हथियार मुहैया कराकर हिंसा कराई थी। साठा का साफ कहना था कि 10-20 को मार दोगे तो आसपास के जिलों में भी दंगा भड़क जाएगा। सरकार और प्रशासन बैकफुट पर आ जाएंगे। फिर हमारा दबदबा होगा और सुरक्षित होकर काम करेंगे। ह
नेताओं का फुल सपोर्ट
में नेताओं का फुल सपोर्ट है। हिंसा में मारे गए बिलाल और अयान को उसने ही गोली मारी थी। हम पुलिसकर्मियों को भी मारना चाहते थे। लेकिन, भीड़ छंटने से सफल नहीं हो सके। उसके पास से 32 बोर की पिस्टल, तीन कारतूस और 15 खोखे मिले हैं। साठा के तार पाकिस्तान में बैठे अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम से भी जुड़ते रहे हैं।
आ चुका है नकली नोट में नाम
आइएसआइ के लिए भारत में नकली नोट खपाने में भी उसका नाम आ चुका है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई का कहना है कि अफरोज एप के माध्यम से शारिक साठा के संपर्क में था। हिंसा भड़काने के पीछे साठा की मंशा क्षेत्र में दबदबा कायम करने की थी। उसे पूर्व में पाकिस्तान का समर्थन रहा है। हालांकि, इस हिंसा के पीछे दाऊद या आइएसआइ का कोई कनेक्शन अभी तक नहीं मिला है।
साठा के एक साथी की तलाश की जा रही है। वह भी हिंसा में लिप्त रहा है। हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हुई थी, जबकि 30 से अधिक अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद 12 प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस 60 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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गाड़ियां चोरी का काम करता है साठा
एएसपी श्रीश्चंद्र ने बताया कि अफरोज प्रापर्टी डीलर के साथ साठा के लिए काम करता था। उसके इशारे पर एनसीआर से लग्जरी गाड़ियां चोरी कर बंगाल, असम के साथ नेपाल तक भेजता था। उसने विदेशी हथियारों की भी विभिन्न राज्यों में डिलीवरी की है। अफरोज ने पुलिस को बताया कि हिंसा के लिए हमें हथियार मिले थे।
साठा के कहने पर ही अन्य लोगों को भी उपद्रव के लिए तैयार किया। पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने पर भीड़ उल्टी आई। हमारी गोली से दो लोगों की मौत हुई। साक्ष्य मिटाने को सीसीटीवी भी तोड़े थे। इसके अलावा पुलिस ने पत्थरबाजी और आगजनी में शामिल रहे तहजीब, अजहर अली, असद, दानिश, शुऐब, आलम, मुहम्मद दानिश, शाने आलम व बाकिर को भी गिरफ्तार किया है।
नकली नोट और वाहन चोरी
साठा गिरोह वाहन चोरी और नकली नोटों का काम करता है। 2021 में दिल्ली पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को चार लाख नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। उन्होंने साठा को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से नकली नोट मिलने के बारे में बताया था। मुल्ला पर नौ और साठा पर विभिन्न राज्यों में 54 मुकदमे दर्ज हैं। संभल में उसकी संपत्ति कुर्क हो चुकी है।
60 की स्पीड पर बाइक मोड़ने पर पड़ा साठा नाम
शारिक बाइक, कार और ट्रक चलाने में माहिर है। वह 60 की स्पीड पर बाइक को एक दम मोड़ देता है। इसलिए उसके नाम के पीछे साठा लगना शुरू हो गया।
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