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    बहजोई में 400 परिवारों की 'राह' पर संशय: पैमाइश तय करेगी घर का रास्ता या रेलवे की दीवार?

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 07:36 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के संभल जिले के बहजोई में 400 परिवार संशय में हैं। रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के कारण उनके घरों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है। भूमि क ...और पढ़ें

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    रास्‍ते का संकट

    संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई। रेलवे की दीवार से घरों के दरवाजे और रास्ता बंद होने से चिंतित लोगों की निगाहें अब डीएम की पहल के साथ उस निष्कर्ष पर टिकीं हैं। जिसमें पैमाइश को आधार बनाकर रास्ता निकाला जाएगा जाएगा। रेलवे की सीमा में कोई परिवर्तन नहीं होगा या फिर अधिकारियों के हस्तक्षेप से लोगों को राहत मिलेगी यह आगामी समय ही बताएगा।

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    दरअसल, रेलवे की ओर से आबादी वाले इलाकों में ट्रैक को सुरक्षित करने और अनाधिकृत ढंग से रेलवे ट्रैक् को पार करने की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। इसी क्रम में बहजोई रेलवे स्टेशन के आसपास भी रेलवे अपनी संपूर्ण भूमि को चिह्नित कर दोनों ओर से ट्रैक कवर करते हुए बाउंड्रीवाल निर्माण किया जा रहा है।

    इसी योजना के दायरे में गिहार बस्ती के निकट रेलवे लाइन के सामने बसी कालोनी का मामला भी आ गया है, जहां पहले से प्रकाशित खबर में स्थानीय लोगों की चिंता और डर सामने आ चुका है और आज स्थिति इस बात पर आकर टिक गई है कि तहसील प्रशासन और रेलवे की संयुक्त पैमाइश क्या निष्कर्ष देती है।

    लगभग 400 परिवारों की आबादी वाली इस कालोनी में 50 से अधिक ऐसे घर हैं जिनके गेट सीधे रेलवे की प्रस्तावित सीमा से सटे हुए हैं और बाउंड्री वाल बनने की स्थिति में उनका सीधा रास्ता बंद हो सकता है। ऐसे में इन परिवारों के लिए यह पैमाइश केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि जीवन की दिशा तय करने वाला फैसला बन गई है।

    मौके पर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि पहले चरण में उन सभी स्थानों पर रेलवे ट्रैक को सुरक्षित किया जा रहा है। जहां आबादी रास्ता बनाकर ट्रैक को हाथ से पार करती है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। बहजोई में भी कई किमी की दूरी तक दोनों ओर रेलवे अपनी भूमि को चिह्नित कर सुरक्षा घेरा तैयार कर रहा है और इसी के तहत कुछ स्थानों पर बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू किया गया है।

    अधिकारियों के अनुसार जिन लगभग 50 घरों के सामने सीधे दीवार बनने की स्थिति है। वहां फिलहाल निर्माण कार्य उच्च स्तर के निर्देश पर रोका गया है, क्योंकि वहां विस्तृत पैमाइश कराई जानी है। रेलवे और तहसील की राजस्व टीम ने पहले दो दिन में कुछ हिस्सों की पैमाइश की है, हालांकि संबंधित विवादित हिस्से तक टीम अभी नहीं पहुंच पाई है, जिसे जल्द पूरा किया जाना प्रस्तावित है।

    पैमाइश पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएगी और वहीं से यह तय होगा कि रेलवे की सीमा कहां तक है और यदि उस सीमा के भीतर से वर्षों से उपयोग में आ रहा रास्ता प्रभावित होता है तो उसे खोला जाएगा या नहीं।

     

     

    अभी पहले दिन आंशिक पैमाइश हुई है क्योंकि गुरुवार को अवकाश था और अगले दिन पैमाइश फिर होगी, जहां ज्यादा गंभीर मामला है, वहां रेलवे और हमारे विभाग के उच्चाधिकारी के द्वारा मौके पर रहकर पैमाइश कराई जाएगी और तभी कोई निष्कर्ष निकाल सकेगा।

    - आशुतोष तिवारी, एसडीएम, चंदौसी।


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