Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व मंत्री विजेंद्र पाल सिंह के निधन पर Akhilesh Yadav ने ट्वीट कर जताया दुख, नाना कहते थे सपा अध्‍यक्ष

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Bajpai
    Updated: Fri, 25 Nov 2022 05:14 PM (IST)

    Former minister Vijender Pal Singh Yadav Passed Away विजेंद्र पाल सिंह की पत्नी कुसुमलता की एक बड़ी बहन स्नेहलता हैं जो कि इटावा जिले की रहने वाली हैं और वहां से जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर तीन बार निर्वाचित हो चुकी हैं।

    Hero Image
    Former minister Vijender Pal Singh death: पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पूर्व मंत्री विजेंद्र पाल सिंह यादव। सौ. स्‍वजन

    संभल, जागरण संवाददाता। Former minister Vijender Pal Singh Yadav Passed Away:  समाजवादी पार्टी के दिग्‍गज नेता पूर्व मंत्री विजेंद्र पाल सिंह के निधन पर पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दुख प्रकट किया। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद विजेंद्र पाल सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुःखद है। ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दें।शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं। तीन बार विधायक, सांसद के अलावा मंत्री रहे विजेंद्र पाल रिश्‍ते में पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ससुर और सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के नाना लगते थे। अखिलेश यादव उन्‍हें नाना कहकर ही पुकारते थे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, विजेंद्र पाल सिंह की पत्नी कुसुमलता की एक बड़ी बहन स्नेहलता हैं, जो कि इटावा जिले की रहने वाली हैं और वहां से जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर तीन बार निर्वाचित हो चुकी हैं। स्नेहलता की बेटी का विवाह मुलायम सिंह यादव के सगे भाई राजपाल सिंह यादव के साथ हुआ। तभी से विजेंद्र पाल सिंह के परिवार का मुलायम परिवार से पारिवारिक रिश्ता कायम हो गया। विजेंद्र पाल सिंह रिश्‍ते में मुलायम सिंह यादव के ससुर लगते थे। उसी रिश्ते के आधार पर अखिलेश यादव विजेंद्र पाल सिंह को नाना जी कहकर पुकारते थे।

    यह भी पढ़ें:- Moradabad News: सपा विधायक पिंकी यादव के पिता और पूर्व मंत्री विजेंद्र पाल सिंह यादव का निधन

    जब मंच से मुलायम सिंह ने विजेंद्रपाल से कहा, हमने दहेज नहीं मांगा

    वर्ष 1998 में जब गुन्नौर में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। तब उन्होंने मंच से विजेंद्र पाल सिंह से सवाल किया था कि वह अपनी बेटी का रिश्ता उनके भाई के लिए लेकर गए थे तो उन्होंने दहेज तो नहीं मांगा। वह दहेज में विश्वास न रखते हुए रिश्ते में विश्वास रखते हैं। कार्यकर्ताओं से भी उनका पारिवारिक रिश्ता स्थापित रहे यही प्रयास करते हैं।

    यह भी पढ़ें:- Sambhal News: पैतृक गांव पहुंचा पूर्व मंत्री विजेंद्र पाल सिंह यादव का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्‍कार

    1980 में सांसद तो 1985 में बने पहली बार विधायक

    विजेंद्रपाल सिंह का राजनीतिक करियर वर्ष 1977 से शुरू हुआ। वह बहजोई विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। जिसके बाद कांग्रेस ने 1980 में उन्हें संभल लोकसभा से टिकट दिया तो पहली बार सांसद बने। हालांकि, 1985 में उनका टिकट सांसद पद के लिए काट दिया गया, जिसके बाद फिर बहजोई से कांग्रेस के ही टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए और नारायणदत्त तिवारी की सरकार में मंत्री बने।

    1991 में बरेली जोन में बने थे कांग्रेस के एकलौते विधायक

    वर्ष 1991 में वह बरेली और मुरादाबाद मंडल में से सिर्फ कांग्रेस की अकेली सीट बचाने में कामयाब रहे और दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 1993 में मुलायम सिंह यादव के करीब आए और समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। पत्नी कुसुम लता यादव को 1993 में चुनाव लड़ाया लेकिन, वह हार गईं। जिसके बाद 1996 में फिर वह समाजवादी पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए। 1995 में पत्नी कुसुम लता यादव को मुरादाबाद जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराने के साथ मुरादाबाद मंडल में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई।

    बेटी ने संभाली पिता की राजनीतिक विरासत

    बीच में उनका राजनीतिक सफर थम सा गया। इसके बाद 2004 में जैसे ही मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी तो उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री बनाते हुए ओहदा बढ़ाया गया। इसके बाद राजनीतिक विरासत उन्होंने अपनी इकलौती बेटी पिंकी यादव को सौंप दी जो कि 2007 में विधानसभा चुनाव तो हार गई लेकिन, 2012 से और वर्तमान तक लगातार तीन बार से विधायक हैं और वहीं विजेंद्र पाल सिंह की राजनीतिक विरासत संभाल रही है।