UP Politics: पीडीए पाठशाला को मान्यता देने की सरकार से मांग की, सपा नेता के यहां खुफिया विभाग ने की पड़ताल
सपा नेता फरहाद आलम गाड़ा ने पीडीए की पाठशाला को मान्यता देने की मांग की है। उनका कहना है कि मान्यता मिलने पर गांव-गांव और शहर-शहर में ऐसी पाठशालाएं खोली जाएंगी। पुलिस और खुफिया विभाग ने सपा नेता के निवास पर जाकर पाठशाला के बारे में जानकारी जुटाई। सपा जिलाध्यक्ष अब्दुल वाहिद ने कहा कि पाठशाला का उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का विरोध करना है।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। पीडीए की पाठशाला को लेकर उठा तूफान अभी राजनीति में कुछ नया करने को आतुर है। सपा नेता ने सरकार से पाठशाला को मान्यता देने की मांग कर डाली। हालांकि सरकार स्कूलों के विलय संबंधी फैसले को पहले ही पलट चुकी है। वहीं पुलिस और खुफिया विभाग ने सपा नेता के निवास और घेर में पहुंचकर पाठशाला की बाबत पड़ताल की हैं।
पीडीए पाठशाला का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद नेताओं को अपनी राजनीति चमकाने का अवसर दे डाला हैं।
अपने निवास पर सपा नेता ने खोली थी पाठशाला
अपने निवास पर पीडीए की पाठशाला चलाने वाले सपा नेता फरहाद आलम गाड़ा ने अब सरकार से पीडीए की पाठशाला को मान्यता दिए जाने की मांग कर डाली,उनका कहना है यदि सरकार मान्यता देती है तो गांव-गांव और शहर-शहर में पीडीए की पाठशालाएं खोली जाएंगी।
हालांकि सपा जिलाध्यक्ष अब्दुल वाहिद ने साफ कर चुके है कि पीडीए की पाठशाला का मकसद भाजपा सरकार द्वारा गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने के विरोध में उठाया गया है।सरकार बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है जिससे वे पढ़ लिखकर अपने अधिकार की मांग न कर सकें।दूसरी ओर सरकार पहले ही अपने फैसले को पलट चुकी है। अब एक किमी से अधिक दूरी और 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों का ही विलय होगा।
यह था मामला
जिले के मल्हीपुर रोड नया गांव सिद्पुरा में वरिष्ठ सपा नेता फरहाद आलम गाड़ा ने पीडीएफ पाठशाला शुरू की थी।गांव के बच्चों को एकत्र कर उन्हें ए फोर अखिलेश, बी फोर बाबा साहब, सी फोर चौधरी चरणसिंह और डी फोर डिंपल पढ़ाया गया था।पाठशाला में बच्चों को राजनैतिक पाठ पढ़ाया गया।सपा नेता के घेर में चली इस पाठशाला पीडीए के बोर्ड लगाए गए थे।
पेयरिंग वाले स्कूलों में अमान्य स्कूल चलने पर होगी एफआईआर
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसी सूचना मिली है कि जिन विद्यालयों का विलय किया गया है,वहां पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अमान्य विद्यालय चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बीएसए को निर्देश दिया है कि इन विद्यालयों में बालवाटिका का संचालन किया जाएगा। ऐसे में विलय वाले विद्यालयों का लगातार निरीक्षण करें, यदि यहां कोई विद्यालय चलता मिला तो एफआईआर दर्ज कराएं।
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