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    डाग हास्पिटल में होगा आधुनिक आपरेशन थिएटर, एसी वार्ड और आइसोलेशन कक्ष...और भी बहुत कुछ

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 08:17 PM (IST)

    Saharanpur News सहारनपुर नगर निगम ने 1.85 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक डॉग अस्पताल बनाया है। यह अस्पताल आवारा और आक्रामक कुत्तों के इलाज और नसबंदी के लिए बनाया गया है। अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं हैं और यह शहर को रेबीज मुक्त करने के प्रयासों का हिस्सा है। शहर में कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीन की बूस्टर डोज भी लगाई जाएगी।

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    बेहट रोड स्थित पारसपुर कालोनी  के  पास तैयार हुआ एनीमल बर्थ कंट्रोल एंड डाग केयर सेंटर। जागरण

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। नगर निगम ने करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हुआ अत्याधुनिक वातानुकूलित एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर अब कुत्तों के उपचार और नसबंदी के लिए शुरू होने जा रहा है। यह अस्पताल न सिर्फ आवारा और खूंखार कुत्तों के इलाज के लिए सक्षम होगा, बल्कि पागल और आक्रामक कुत्तों को भी सुरक्षित तरीके से निगरानी में रखकर उपचार किया जा सकेगा। अक्टूबर माह में अस्पताल का उद्घाटन मुख्यालय स्तर पर होगा।

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    अस्पताल में आधुनिक आपरेशन थिएटर, एसी वार्ड और आइसोलेशन कक्ष के कुत्तों को रखने के लिए 10 बड़े कैनल, 28 छोटे कैनल बनाए गए हैं। इसके अलावा सैलून शाप, आपरेशन थियेटर, प्री आपरेशन थियेटर, स्टाफ रूम, मेडिसिन सेंटर और अधिकारियों के लिए दफ्तर आदि बनाए गए है। अभी तक पुराने एबीसी सेंटर में 10 से 15 कुत्तों की नसबंदी हो पा रही है, लेकिन नए एबीसी सेंटर में एक साथ 40 से 50 कुत्तों की नसबंदी हो सकेगी।

    नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल शुरू होने के बाद शहर में कुत्तों की संख्या नियंत्रण में लाने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। क्योंकि शहर में कुत्तों की संख्या करीब 45 हजार से अधिक है। ऐसे में पर्याप्त संसाधन होने से अधिक से अधिक कुत्तों की नसबंदी हो सकेगी। 2023 से अब तक 20 हजार से अधिक कुत्ताें की नसबंदी हो सकी है।

    लगातार बढ़ रहा कुत्तों का खौफ

    शहर के गली-मुहल्ले और कालोनियों में कुत्तों का खौफ लगातार बढ़ रहा है। आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। जिला अस्पताल में रोजाना पहली और दूसरी डोज लगवाने के लिए करीब 150 लोग पहुंचते है। कुत्तों के काटने के केस लगातार बढ़ रहे है। कुत्तों के काटने से मौत भी हो चुकी है।

    शहर में लगेंगे एंटी रेबीज वैक्सीन

    शहर को रेबीज मुक्त करने के लिए निगम हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके लिए निगम को शासन से दो करोड़ रुपये भी मिले है। लक्ष्य 2030 तक शहर को रेबीज मुक्त करना है। गली-मुहल्लों में जाकर कुत्तों के एंटी रेबीज वेक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जाएगी। इसके लिए निगम ने टेंडर जारी कर दिया है। 30 अक्तूबर को टेंडर अलाट कर वेक्सीनेशन का कार्य शुरू होगा।

    पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी संदीप मिश्रा ने बताया कि नए अस्पताल के शुरू होने से नसबंदी की गति तीन गुना बढ़ जाएगी। योजना है कि अगले दो वर्षों में पूरे शहर के सभी कुत्तों की नसबंदी पूरी कर दी जाए। इसके अलावा कुत्तों के एंटी रेबीज की बूस्टर डोज भी गली-मुहल्लों में जाकर लगाई जाएगी। शहर को हर संभव रेबीज मुक्त बनाना है।