सीतापुर जेल से रिहा होकर सीधे कहां पहुंचे आजम खां? दोनों बेटे और 80 गाड़ियों का काफिला रहा साथ
Azam Khan सीतापुर जेल में 23 माह से बंद सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां आखिरकार सीतापुर जेल से रिहा हो गए। जेल के बाहर आने पर उनके समर्थकों में उत्साह है। वे उन्हें लेने सीतापुर तक पहुंच गए। छह दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ आजम खां को लेकर रामपुर पहुंचे।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सीतापुर जेल में 23 माह से बंद सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां आखिरकार सीतापुर जेल से रिहा हो गए। जेल के बाहर आने पर उनके समर्थकों में उत्साह है। वे उन्हें लेने सीतापुर तक पहुंच गए। छह दर्जन गाड़ियों के काफिले के साथ आजम खां को लेकर रामपुर पहुंचे। यहां जनपद की सीमा पर मिलक से लेकर उनके घर पहुंचने तक जगह-जगह समर्थक उनके स्वागत में खड़े रहे। आजम खां कहीं नहीं रुके, सिर्फ हाथ हिलाकर समर्थकों का आभार जताया। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी सतर्क रहा।
आजम खां को लेने उनके दोनों बेटे अदीब और पूर्व विधायक अब्दुल्ला भी पहुंचे। आजम खां दोनों बेटों के साथ एक गाड़ी में चले। उनके पीछे 70 से 80 गाड़ियों का काफिला चल रहा था। काफिले में सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर, पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चाैहान, नगर अध्यक्ष आसिम राजा, ब्लॉक प्रमुख प्रमोद गंगवार, छात्र सभा के जिलाध्यक्ष वैभव यादव, पूर्व सांसद राजेंद्र शर्मा के बेटे अमित शर्मा आदि शामिल हैं।
इस मामले में गए थे जेल
आजम खां को बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सजा हुई थी। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 18 अक्टूबर 2023 को आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।
यह सजा अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने पर हुई थी, जिसका मुकदमा भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने गंज कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को दर्ज कराया था। सजा सुनाए जाने के बाद पहले तीनों को रामपुर जेल में बंद किया गया था। बाद में 22 अक्टूबर को आजम खां को सीतापुर और अब्दुल्ला को हरदोई की जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। आजम खां की पत्नी और बेटे की जमानत पहले हो चुकी है।
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