सिर्फ पढ़ाई नहीं, अब परिणाम भी दिखेगा! रामपुर में शुरू हुई निपुण भारत की हाई-टेक निगरानी
रामपुर में निपुण भारत मिशन को गति देने के लिए जिला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (DPMU) का गठन किया जा रहा है। बीएसए कल्पना देवी की अध्यक्षता में यह यूनिट ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
संवाद सहयोगी, जागरण, रामपुर। निपुण भारत मिशन को गति देने के लिए अब जनपद में जिला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) बनेगी। यह यूनिट निपुण भारत मिशन के तहत चल रही गतिविधियों के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण, डाटा आधारित समीक्षा सहित अन्य काम बीएसए की अध्यक्षता में करेगी।
बालवाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। इसके तहत विद्यालयों को निपुण घोषित किया जा रहा है। वर्तमान में निपुण आकलन करने की तैयारी की जा रही है। इसी के तहत अब जिले में जिला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) का गठन होगा।
इस यूनिट में जिला समन्वयक और जिले के सभी एसआरजी सदस्य के तौर पर रहेंगे। डीपीएमयू की माह के पहले सप्ताह में बैठक होगी और इसके बाद डाटा के आधार पर समीक्षा की जाएगी। वहीं, हर सप्ताह एजेंडे के साथ बीएसए व बीईओ बैठक करेंगे। बैठक में निकली समस्याओं का निस्तारण कराने का काम यूनिट करेगी।
विद्यालयों में प्रिंट सामग्री, किट, तालिक, टीएलएम, लाइब्रेरी किताबों की उपलब्धता को भी यह यूनिट देखेगी। इसके साथ कक्षा-शिक्षण में इसका प्रभावी प्रयोग सुनिश्चित कराएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम, मासिक शिक्षक संकुल बैठक, सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, बेस्ट प्रैक्टिस साझा करने, वित्तीय प्रबंधन, शोध-सर्वे व मूल्यांकन का काम इस यूनिट के द्वारा किया जाएगा।
ये होंगे जिला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की भूमिका और कार्य
- निगरानी और पर्यवेक्षण: यह यूनिट स्कूलों में निपुण भारत मिशन के तहत चल रही गतिविधियों जैसे शिक्षकों का प्रशिक्षण, सामग्री का उपयोग की कड़ी निगरानी करती है।
- डेटा-आधारित समीक्षा: मासिक बैठकें करके एनवीएमसी पोर्टल से मिले डेटा के आधार पर प्रगति की समीक्षा करती है और सुधार के लिए ठोस कदम उठाती है।
- कमी का विश्लेषण: बच्चों के सीखने के स्तर में जो भी कमियां हैं, उनकी पहचान करती है और उन्हें दूर करने के लिए योजना बनाती है।
- समन्वय: बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी की बैठकों का समन्वय करती है और राज्य परियोजना कार्यालय को रिपोर्ट भेजती है।
- क्षमता निर्माण: शिक्षकों और अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देती है, ताकि वे बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें।
- संसाधनों का प्रबंधन: शिक्षण-अधिगम सामग्री, किट और लाइब्रेरी पुस्तकों की उपलब्धता और उपयोग की निगरानी करती है।
निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों की बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए जिले में डीपीएमयू बनाई जाएगी। जिसका गठन बीएसए की अध्यक्षता में होगा। इसमें जिला समन्वयक प्रशिक्षण, जिला समन्वयक निपुण भारत मिशन और जिले में कार्यरत सभी एसआरजी सदस्य शामिल होंगे। यह इकाई बालवाटिका से कक्षा दो तक निपुण भारत मिशन की गतिविधियों की नियमित निगरानी, डेटा आधारित समीक्षा और कमजोरियों की पहचान कर लक्षित सुधार सुनिश्चित करेगी।
- कल्पना देवी, बीएसए, रामपुर
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