दर्द से तड़पकर रोती महिला लगाती रही मदद की गुहार, सीमा विवाद में उलझी रही पुलिस
रायबरेली रेलवे स्टेशन पर एक वृद्धा दर्द से कराहती रही पर किसी अधिकारी ने सुबह से शाम तक मदद नहीं की। यात्रियों ने सूचना दी पर आरपीएफ और जीआरपी ने ध्यान नहीं दिया। भाषा की समस्या के कारण पहचान नहीं हो पाई और अनुवादक की मदद नहीं ली गई। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना ने मानवीय संवेदनाओं की पोल खोल दी है।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। रेलवे स्टेशन रायबरेली पर मानवीय संवेदनाएं उस समय शर्मसार हो गईं जब प्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक वृद्धा महिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन 28 सितंबर को सुबह से शाम तक कोई भी स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी उसकी मदद को आगे नहीं आया। बल्कि सीमा विवाद में पुलिस मानवता को दरिकनार कर उलझी रही। हालांकि, अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद उसे अस्पताल देर शाम पहुंचाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अज्ञात वृद्धा महिला 28 सितंबर की भोर से ही प्लेटफॉर्म नंबर एक पर लावारिस अवस्था में मिली थी और दर्द से कराह रही थी। इस संबंध में यात्रियों ने जब यातायात निरीक्षक को जानकारी दी तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ और जीआरपी को अवगत कराया।
इसके बावजूद न तो महिला को अस्पताल ले जाया गया और न ही किसी प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। हैरानी की बात यह रही कि महिला की भाषा और आवाज अलग होने के कारण उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी, लेकिन उसके परिजनों तक पहुंच बनाने के लिए किसी प्रकार के एक्सपर्ट या अनुवादक की मदद लेने की भी कोशिश नहीं की गई।
इस घटनाक्रम ने रेलवे स्टेशन की व्यवस्था और मानवीय संवेदनाओं की पोल खोल कर रख दी है। सवाल यह है कि अगर ऐसी स्थिति में भी इंसानियत नहीं जगी तो फिर ऐसे विभागों की जिम्मेदारी किस काम की? स्थानीय रेलवे अधिकारियों को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
सुरक्षा बलों की यह उदासीनता कई सवाल खड़े करती है। यदि समय पर चिकित्सा सुविधा दी जाती, तो महिला को राहत मिल सकती थी। दिन भर स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बनी रही, लेकिन मदद की आस में तड़पती वृद्धा की पीड़ा किसी को झकझोर न सकी।
यातायात निरीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि स्टेशन के पूक्षतांक्ष केन्द्र के पास महिला मिलने की सूचना पर आरपीएफ व जीआरपी को अवगत करवा दिया था। जिसे 28 सितंबर की देर रात अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
महिला साउथियन लग रही है जिसकी आवाज समझ में नही आ रहा था। आरपीएफ निरीक्षक प्रभारी एके सिंह का कहना है कि नगर कोतवाली पुलिस के परिधि में महिला दिखने पर 112नंबर पुलिस को सूचना दिया गया था, जिसके पहुंचने के बाद टीम हमारी वापस हो गई थी जो अस्पताल क्यों नही ले गई है ये नगर कोतवाली पुलिस ही बता सकती है।
उधर जीआरपी थानाध्यक्ष सचिन कुमार का कहना है कि हम बाहर थे जब स्टेशन शाम को पहुंचे तो उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। ड्रयूटी में मौजूद जीआरपी के लोगों ने क्यों मानवता को तार तार किया उसकी जांच की जाएगी।
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