जुबैर पर देश की संप्रभुता व एकता को खतरे में डालने का आरोप, तीन दिसंबर को होगी सुनवाई
Allahabad High Court जुबैर पर देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने का आरोप लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने यह जानकारी दी। कोर्ट ने इस संशोधन की अनुमति देते हुए अगली सुनवाई की तारीख तीन दिसंबर तय की है। जुबैर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा और एफआईआर रद्द करने की मांग की है।
विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद को लेकर की गई पोस्ट की वजह से आरोपित बनाए गए न्यूज पोर्टल के तथाकथित पत्रकार मोहम्मद जुबैर को पुलिस ने देश की संप्रभुता व एकता खतरे में डालने वाला बताया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह भी बताया है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और बीएनएस की धारा 152 प्राथमिकी में जोड़ी गई है।
कोर्ट ने इस संशोधन की अनुमति देते हुए अगली सुनवाई की तारीख तीन दिसंबर तय की है। जुबैर ने गिरफ्तारी से सुरक्षा और एफआइआर रद करने की मांग की है।इसके पूर्व न्यायालय ने इस आशय का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था जिसमें विवेचना अधिकारी को उन धाराओं का उल्लेख करना था जिसके तहत जुबैर के खिलाफ एफआइआर लिखी गई है।
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जबैर ने एक्स पर पोस्ट में यति नरसिंहानंद के भाषण को अपमानजनक और घृणास्पद बताया। इसके बाद सांप्रदायिक नफरत भड़काने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नरसिंहानंद के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई।
इतना ही नहीं डासना देवी मंदिर पर विरोध प्रदर्शन किया गया। जुबैर के खिलाफ यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर प्राथमिकी लिखी गई है। वादी मुकदमा का कहना है कि तीन अक्टूबर को जुबैर ने हिंसा भड़काने के इरादे से नरसिंहानंद की पुरानी वीडियो क्लिप साझा की।
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वादी मुकदमा ने डासना देवी मंदिर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। गाजियाबाद की कवि नगर पुलिस ने जुबैर के खिलाफ धारा 196 (धार्मिक आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 299 (धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 356(3) (मानहानि) और 351(2) के तहत केस दर्ज किया है।
याचिका में जुबैर ने कहा है कि उसने यति नरसिंहानंद द्वारा बार-बार की जाने वाली सांप्रदायिक टिप्पणियों और महिलाओं व वरिष्ठ राजनेताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों को उजागर करने के लिए एक्स पर पोस्ट की है।
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