Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mathura News : रुक्मिणी को ब्याहने बरात लेकर आए ठाकुर जी, अब बनेंगे घर जमाई

    मथुरा मेंभगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी से विवाह किया और घर जमाई बनकर रहने लगे। बरसाना से बग्घी में सवार होकर ठाकुर जी बरात लेकर अरेहरा गांव पहुंचे। विवाह में बराती बने साधु-संत और साध्वी। गांव की रुक्मिणी के साथ उन्होंने साथ फेरे लिए। कन्यादान की रस्म हुई तो पूरे गांव में हाथ बढ़ाया। बकायदा ठाकुर जी का रुक्मिणी से विवाह हुआ और रुक्मिणी को वह विदा कराकर बरसाना ले गए।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 28 Nov 2024 08:04 AM (IST)
    Hero Image
    बरसाना से बग्घी में सवार होकर ठाकुर जी बरात लेकर रुक्मिणी से पहुचें

     जागरण संवाददाता, मथुरा। यही तो ब्रजवासियों की अपने ठाकुर के प्रति अगाध आस्था है। द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मिणी के साथ हुआ था, बुधवार को एक बार फिर ब्रज में जैसे द्वापरयुग जीवंत हुआ। बरसाना से बग्घी में सवार होकर ठाकुर जी बरात लेकर अरेहरा गांव पहुंच गए। विवाह में बराती बने साधु-संत और साध्वी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव की रुक्मिणी के साथ उन्होंने साथ फेरे लिए। कन्यादान की रस्म हुई, तो पूरे गांव में हाथ बढ़ाया। बकायदा ठाकुर जी का रुक्मिणी से विवाह हुआ और रुक्मिणी को वह विदा कराकर बरसाना ले गए। लेकिन गुरुवार को रुक्मिणी अपने मायके लौटेंगी और उनके साथ ही ठाकुर जी घर जमाई बनकर रहेंगे।

    भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का यह रोचक मामला अरेहरा गांव का है। गांव के परमानंद रावत के तीन बेटे और एक बेटी है। 25 वर्ष की बेटी रुक्मिणी ने आठवीं तक पढ़ाई की। पूरा घर धार्मिक कार्यों में आगे रहता है। पिता ने बेटी की शादी के लिए लड़का देखना शुरू किया, तो बेटी ने शादी से इन्कार कर दिया, बहुत कहने पर जिद पर अड़ गई और कहा कि वह ठाकुर जी के साथ शादी करेगी।

    पिता ने ये बात बरसाना के मान मंदिर के सचिव सुनील सिंह को बताई और कहा कि ठाकुर जी से बिटिया को शादी करनी है। रुक्मिणी की जिद और पिता की विवशता देख सुनील सिंह ने करीब 15 दिन पहले वृंदावन से 20 इंच के ठाकुर जी सेवा के लिए लिए। रुक्मिणी और ठाकुर जी का विवाह तय हुआ। एक सप्ताह पहले हल्दी की रस्म हुई, तो बरसाना में ठाकुर जी को हल्दी लगी और अरेहरा में रुक्मिणी को।

    इसे भी पढ़ें-मुकेश अंबानी का पार्टनर बनाने का दिया ऑफर, ठग लिए साढ़े चार लाख रुपये

    सैकड़ों लोग इसके गवाह बने। बुधवार को तय समय पर दोपहर 12 बजे ठाकुर जी बैंड बाजा के साथ बरात लेकर 130 साधु-संत और साध्वी अरेहरा पहुंच गया। यहां पर अगवानी के बकायदा ठाकुर जी को बग्घी पर सवार किया गया। बरात लेकर वह रुक्मिणी के घर पहुंचे। यहां एक बगीची में शादी की व्यवस्था की गई।

    वैदिक मंत्रों के बीच शादी की रस्म हुईं और दोनों अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। शादी की सूचना आसपास के ग्रामीणों को हुई तो सैकड़ो लोग घराती बन गए। कन्यादान में सबने अपनी सामर्थ्य अनुसार धनराशि दी। .यहां घराती और बराती के लिए दावत भी थी।

    शाम करीब पांच बजे ठाकुर जी रुक्मिणी को ब्याह कर बरसाना ले गए। यहां मान मंदिर में ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा का आशीर्वाद लेकर रुक्मिणी ठाकुर जी को लेकर गुरुवार को अरेहरा आ जाएगी। यहां ठाकुर जी ससुराल में घर जमाई बनकर रहेंगे।

    पिता बोले, मेरे लिए सौभाग्य की बात

    रुक्मिणी के पिता परमानंद और मां ब्रह्मवती धार्मिक हैं। उनका बरसाना के मान मंदिर भी वर्षों से आना-जाना लगा रहता है। मान मंदिर की प्रेरणा से होने वाली प्रभात फेरी में रुक्मिणी प्रतिदिन भाग लेती है। ऐसे में उसने ठाकुर जी से ब्याह की ठान ली।

    पिता परमानंद कहते हैं कि ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि ठाकुर जी के साथ बेटी का कन्यादान किया। पूरे गांव के लोग उत्साहित हैं। गांव की परिक्रमा भी ग्रामीणों ने लगाई। मां ब्रह्मवती कहती हैं कि हम ठाकुर जी की जमाई की तरह अपने घर में सेवा करेंगे।

    इसे भी पढ़ें-बेतिया राज की संपत्तियों पर बिहार सरकार का कब्जा, गोरखपुर में लोगों की बढ़ी बेचैनी; सामने आई हैरान करने वाली वजह

    नंगे पैर अरेहरा पहुंचे बराती

    ठाकुर जी की बरात थी, इसलिए बराती भी पूरी आस्था के साथ शामिल हुए। साधु-संत होंं या फिर साध्वी। सभी नंगे पैर थे। गांव अरेहरा की परिक्रमा भी नंगे पैर लगाई गई। बराती बैंड-बाजे की धुन पर जमकर झूमे।