Year Ender 2025 : इस वर्ष मिलेगा नया विश्वस्तरीय प्रयागराज जंक्शन, एयरपोर्ट पर बढ़ेंगी फ्लाइटें, बनेगा माडल बस अड्डा
Year Ender 2025 प्रयागराज में परिवहन सेवाओं में सुधार की उम्मीद है। 2025 तक, प्रयागराज जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना है, जिसमें 960 करोड़ रुपये ...और पढ़ें

Year Ender 2025 सिविल लाइंस साइड में प्रयागराज जंक्शन की निर्माणाधीन नई बिल्डिंग। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Year Ender 2025 शहर की सड़कें, रेल और हवाई पट्टी लंबे समय से बदलाव की राह देख रही थीं। कुछ काम पूरे हुए, तो कुछ अभी भी अधूरे पड़े हैं। लेकिन साल 2025 ने नई उम्मीद जगाई है। एयरपोर्ट का विस्तार तो हो गया, पर उड़ानों की संख्या घट गई थी। अब फिर से 15 शहरों तक हवाई सेवा शुरू होने की संभावना है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे नया रूप ले रहे हैं। फाफामऊ, प्रयाग स्टेशन की नई बिल्डिंग बन गई है, जल्द ही प्रयागराज जंक्शन एक चमकदार सिटी सेंटर बन जाएगा, जहां यात्रियों को हर सुविधा एक छत के नीचे मिलेगी।
Year Ender 2025 प्रयागराज जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए 960 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। 20,483 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला यह नया स्टेशन 45 मीटर ऊंची इमारत के साथ तैयार हो रहा है। सिविल लाइंस की ओर वाली नई बिल्डिंग में नौ मंजिल होंगे, इसका ढांचा बनकर तैयार हो चुका है। इस साल के अंत तक यह भव्य रूप ले लेगा।
Year Ender 2025 इस वर्ष प्रयागराज में ठहराव वाली वंदे भारत की संख्या पांच हो गई है, इस वर्ष मेरठ समेत तीन और वंदे भारत मिल सकती हैं। साथ ही पहली स्लीपर वंदे भारत भी यहां से चलेगी। जंक्शन के साथ-साथ फाफामऊ, प्रयाग, नैनी, छिवकी, झूंसी जैसे छोटे स्टेशनों का भी कायाकल्प हो गया है। स्टेशनों तक पहुंचने वाली सड़कें चौड़ी हो गई हैं।
अब प्रयागराज से पंडित दीन दयाल उपाध्याय तक तीसरी लाइन और जंक्शन से बमरौली तक चौथी लाइन बिछाई जा रही है। कवच सिस्टम का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। दारागंज-झूंसी के बीच गंगा पर नया रेल पुल मिल चुका है। अब यमुना पर नैनी में दूसरा पुल बनेगा और फाफामऊ से मलाक हरहर के बीच एक और पुल इस वर्ष मिलेगा, जिससे रोडवेज बस और इलेक्ट्रिक बसों का संचालन आसान हो जाएगा।
प्रयागराज एयरपोर्ट अब यूपी का पहला छह एयरोब्रिज वाला एयरपोर्ट बन गया है। 175 करोड़ रुपये के पुनर्विकास से टर्मिनल में 1350 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे। 18 चेक-इन काउंटर, कैट लाइटिंग से रात में भी उड़ानें संभव होंगी। इंडिगो, अकासा, एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी एयरलाइंस यहां नियमित उड़ानें शुरू करने की तैयारी में हैं। एयरपोर्ट तक पहुंच भी आसान हो गई है, क्योंकि इलेक्ट्रिक बसें अब यहां तक चल रही हैं।
बस सेवा में भी बड़ा बदलाव आने वाला है। सिविल लाइंस बस अड्डा शहर का पहला माडल बस अड्डा बनेगा। 149 करोड़ रुपये की इस परियोजना का टेंडर ओमेक्स कंपनी को मिल चुका है। जीरो रोड बस अड्डे को भी माडल रूप दिया जाएगा। शहर में 300 इलेक्ट्रिक बसें आएंगी – 100 बीएस-सिक्स और 200 पूरी तरह इलेक्ट्रिक। इनके लिए नया चार्जिंग स्टेशन भी बनेगा। 24 रूटों पर शहर के अंदर और लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट जैसे शहरों तक इंटरसिटी सेवा शुरू होगी। सबसे बड़ी राहत यह कि गांवों तक बंद पड़ी रोडवेज बसें फिर चलेंगी। कोरांव, मेजा, फूलपुर, जंघई समेत 50 रूटों पर बसें दौड़ने की अनुमति मिल गई है।
प्रदूषण से लड़ाई में भी परिवहन विभाग आगे बढ़ रहा है। रेलवे अपनी बिजली जरूरत के बराबर सौर ऊर्जा पैदा करेगा। एयरपोर्ट पर सोलर सिस्टम शुरू होगा। इलेक्ट्रिक बसें शहर की हवा को साफ रखेंगी। कुल मिलाकर रेल, सड़क और हवा – तीनों मार्गों पर प्रयागराज तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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