Vibhuti Express चमचमाती LHB से लैस हुई, प्रयागराज के रामबाग स्टेशन से रवाना हुई तो तालियाें से किया अभिनंदन
प्रयागराज से हावड़ा के बीच चलने वाली विभूति एक्सप्रेस अब नए एलएचबी कोच से लैस हो गई है। रामबाग स्टेशन पर यात्रियों ने तालियों से इसका स्वागत किया। कोच ...और पढ़ें

प्रयागराज में रामबाग रेलवे स्टेशन से रवाना होने को तैयार आधुनिक एलएचबी कोचों से युक्त विभूति एक्सप्रेस। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। रामबाग से हावड़ा के बीच में चलने वाली विभूति एक्सप्रेस अत्याधुनिक एलएचबी कोच से लैस हो गई है। 27 दिसंबर को हावड़ा से जो विभूति एक्सप्रेस 12333 प्रयागराज आई, वह एलएचबी से लैस थी। इसी क्रम में रविवार को रामबाग स्टेशन से जो विभूति एक्सप्रेस 12334 रवाना हुई वह भी एलएचबी युक्त है। अब रामबाग से हावड़ा के बीच यह ट्रेन एलएचबी कोच के साथ ही चलेगी।
लोको पायलट व ट्रेन मैनेजर का स्वागत किया
रविवार को रामबाग रेलवे स्टेशन के धीक्षक अखिलेश श्रीवास्तव ने लोको पायलट अशोक कुमार और ट्रेन मैनेजर आनंद कुमार का माला पहनाकर स्वागत किया। वहीं, स्टेशन पर यात्रियों को पहुंचाने आए उनके परिवार के लोग भी चमचमाती विभूति एक्सप्रेस को देखकर खुश हो गए। वे कोच के अंदर जाकर निरीक्षण करने लगे। जब विभूति रवाना हुई तो यात्रियों के साथ स्टेशन पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर विभूति का अभिनंदन किया।
एलएचबी कोच की खासियत जानें
विभूति एक्सप्रेस में अब 19 की जगह 17 कोच ही हैं और सीटों की संख्या भी 50 कम हो गई है। ''एंटी-टेलिस्कोपिक'' फीचर से लैस यह एलएचबी कोच दुर्घटनाग्रस्त होने पर एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। ये डिब्बे झटकों को रोक लेते हैं और तेज रफ्तार में भी पटरी पर इनकी पकड़ बेमिसाल रहती है, झटके नहीं लगते और शोर कम होता है।
स्लीपर क्लास में 16 सीटें कम हुईं
पहले इस ट्रेन में स्लीपर के आठ कोच थे, जिनमें कुल 576 सीटें मिलती थीं। अब कोचों की संख्या घटाकर सात कर दी गई है। एलएचबी के एक कोच में 80 सीटें होती हैं, तो अब कुल सीटें 560 होंगी। यानी स्लीपर क्लास में 16 सीटें कम हो गई हैं।
एसी थ्री के चार नहीं तीन कोच
एसी थ्री में पहले चार कोचों में 256 यात्री सफर करते थे, अब सिर्फ तीन कोच होंगे जिनमें कुल 216 सीटें होंगी। यानी 40 सीटों की कमी। सेकेंड एसी में एक कोच में पहले 46 सीटें थीं, जो एलएचबी में बढ़कर 52 हो गई हैं। यानी यहां छह सीटों की वृद्धि हुई है।
जनरल के डिब्बों की संख्या चार ही
वहीं, जनरल के डिब्बों की संख्या चार ही रखी गई है, जिससे आम यात्रियों को थोड़ी राहत मिलेगी। कुल मिलाकर पहले विभूति एक्सप्रेस में लगभग 878 आरक्षित बर्थ उपलब्ध थे, जो अब घटकर 828 के आसपास रह गए हैं। हावड़ा से यह बदलाव 27 से व रामबाग से 28 दिसंबर से लागू हो गया है। जिन्होंने पूर्व में सीट आरक्षित कराई है, उनकी सीटों का अब ''आटो-रीएलोकेशन'' हो रहा है।
विभूति एक्सप्रेस के दो रेक
विभूति एक्सप्रेस के दो रेक हैं। हावड़ा से एक रेक 27 दिसंबर को प्रयागराज के रामबाग के लिए चला था, जबकि दूसरा रेक आज यानी 28 दिसंबर को प्रयागराज से हावड़ा के लिए रवाना हुआ है, जो 29 दिसंबर को प्रयागराज पहुंचेगा।

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