Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यात्रीगण ध्यान दें... Vibhuti Express में अब कम मिलेंगी सीटें, लेकिन जर्मन तकनीक से ट्रेन सफर होगा 'सुपर सेफ'

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 01:39 PM (IST)

    Vibhuti Express जल्द ही नए एलएचबी कोचों के साथ पटरियों पर दौड़ेगी, जिससे यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी। 27 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाली इस ट्रेन म ...और पढ़ें

    Hero Image

    हावड़ा से प्रयागराज रामबाग के बीच चलने वाली विभूति एक्सप्रेस को 27 दिसंबर से पुराने ICF कोचों के स्थान पर LHB कोच लगाकर चलाया जाएगा। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। रेलवे की पटरियों पर दशकों से दौड़ रही उत्तर भारत की सबसे भरोसेमंद ट्रेनों में से एक 'Vibhuti Express' अब इतिहास बनने जा रही है। घबराइए नहीं, ट्रेन बंद नहीं हो रही, बल्कि यह एक ऐसे नए रूप में सामने आ रही है, जो जितना सुरक्षित है, उतना ही हाई-टेक भी। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    LHB कोचों संग ट्रेन में सीटें कम हो जाएंगी 

    रेल मंत्रालय ने हावड़ा और प्रयागराज रामबाग के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 12333/12334 विभूति एक्सप्रेस के पुराने आइसीएफ कोचों को विदा करने का फैसला किया है। 27 दिसंबर 2025 से यह ट्रेन चमचमाते एलएचबी कोचों के साथ पटरी पर उतरेगी। लेकिन इस बदलाव के साथ एक ऐसी खबर भी आई है जो यात्रियों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच सकती है, क्योंकि ट्रेन में सीटों की संख्या कम हो जाएगी।

    बर्थ का होगा एडजस्टमेंट

    जिन यात्रियों ने दिसंबर के अंत या उसके बाद के लिए पहले से ही टिकट बुक कर लिए हैं, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। रेलवे का कमर्शियल विभाग साफ्टवेयर के जरिए सीटों का 'आटो-रीएलोकेशन' कर रहा है। हो सकता है कि आपका पुराना बर्थ नंबर बदल जाए, लेकिन आपकी श्रेणी वही रहेगी।

    क्यों खास है LHB कोच?

    विभूति एक्सप्रेस में अभी तक जो नीले रंग के पारंपरिक डिब्बे लगे थे, वे पुरानी तकनीक पर आधारित थे। अब उनकी जगह 'लिंक हॉफमैन बुश' यानी एलएचबी कोच लेंगे। यह वही जर्मन तकनीक है जो राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में इस्तेमाल होती है। इन कोचों की सबसे बड़ी खूबी इनका 'एंटी-टेलिस्कोपिक' फीचर है। अगर कभी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होती है, तो ये डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। ये डिब्बे झटकों को सोख लेते हैं और तेज़ रफ्तार में भी पटरी पर इनकी पकड़ बेमिसाल रहती है। यात्रियों के लिए इसका मतलब है कि एक ऐसी नींद भरी यात्रा जिसमें डिब्बों की खड़खड़ाहट और झटके महसूस नहीं होंगे।

    ट्रेन में आराम बढ़ा पर जगह घटी

    रेलवे के नए नोटिफिकेशन ने यात्रियों के बीच एक बहस छेड़ दी है। नई विभूति एक्सप्रेस अब 19 डिब्बों के बजाय मात्र 17 डिब्बों के साथ चलेगी। दो डिब्बों की इस कटौती ने सीटों के समीकरण को पूरी तरह बदल दिया है। हालांकि एलएचबी कोच पुराने कोचों के मुकाबले लंबे होते हैं और उनमें प्रति कोच सीटें ज्यादा होती हैं, लेकिन कुल डिब्बे घटने से ओवराल कैपेसिटी कम हो गई है।

    क्या बदलाव हुआ?

    स्लीपर क्लास : पहले इस ट्रेन में स्लीपर के आठ कोच थे, जिनमें कुल 576 सीटें मिलती थीं। अब कोचों की संख्या घटाकर सात कर दी गई है। एलएचबी के एक कोच में 80 सीटें होती हैं, तो अब कुल सीटें 560 होंगी। यानी स्लीपर क्लास में 16 सीटें कम हो गई हैं।


    एसी 3 टायर : सबसे बड़ा झटका इसी श्रेणी में लगा है। पहले चार कोचों में 256 यात्री सफर करते थे, अब सिर्फ तीन कोच होंगे जिनमें कुल 216 सीटें होंगी। यानी सीधे तौर पर 40 सीटों की कमी। अब इस क्लास में कन्फर्म टिकट मिलना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।

    एसी 2 टायर : यहां यात्रियों के लिए थोड़ी राहत है। 1 कोच में पहले 46 सीटें थीं, जो एलएचबी में बढ़कर 52 हो गई हैं। यानी यहाँ छह सीटों का इजाफा हुआ है।

    जनरल कोच : जनरल के डिब्बों की संख्या चार ही रखी गई है, जिससे आम यात्रियों को थोड़ी राहत मिलेगी।

    करीब 50 यात्रियों की होगी प्रतिदिन 'वेटिंग लिस्ट'

    अगर हम पूरी ट्रेन की आरक्षित सीटों को जोड़ें, तो पहले विभूति एक्सप्रेस में लगभग 878 आरक्षित बर्थ उपलब्ध थे, जो अब घटकर 828 के आसपास रह जाएंगे। यानी करीब 50 यात्रियों को अब हर रोज 'वेटिंग लिस्ट' का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे का तर्क है कि डिब्बों की संख्या कम करने से ट्रेन का वजन संतुलित रहेगा, जिससे इसकी औसत रफ्तार में सुधार होगा और समय पालन बेहतर होगी। 

    रेलवे ने समय सारिणी जारी की

    हावड़ा से : गाड़ी संख्या 12333, दिनांक 27.12.2025 से नए एलएचबी रैक के साथ चलेगी।


    प्रयागराज रामबाग से : गाड़ी संख्या 12334, दिनांक 28.12.2025 से नए अवतार में लौटेगी।

    यह भी पढ़ें- Prayagraj Weather : छाया घना कोहरा, बढ़ी गलन, सुबह से अभी तक नहीं निकली धूप, IMD का क्या है आगामी दिनों का पूर्वानुमान?

    यह भी पढ़ें- Indian Railway News : दिल्ली से प्रयागराज जंक्शन आने वाली ट्रेनें कोहरे से घंटों लेट, Train की स्थिति जानकर ही घर से निकलें