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    आज हमारी संस्कृति को नष्ट करने की कुत्सित कोशिश हो रही, यह चिंता जताई विहिप के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख ने

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 01:27 PM (IST)

    विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी झूंसी में आयोजित युवा संत चिंतन शिविर में शामिल हुए। इस दौरान संस्कृति को नष्ट करने की कोशिशों पर चिंता जताई। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र विरोधी ताकतों को पहचानने और धार्मिक दायित्वों का निर्वहन करने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। स्वामी जीतेन्द्रानंद ने मतांतरण और गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही। संतों से हिंदू मूल्यों की पुनर्स्थापना और जनजागरण में योगदान करने का आह्वान किया गया।

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    विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख समेत अन्य पदाधिकारी झूंसी में आयोजित युवा संत चिंतन शिविर में शामिल हुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पूरी दुनिया में हिंदू संस्कृति की पहचान हमारे त्याग और कर्तव्यों के निर्वहन से है। समाज में समरस भाव, पूरे विश्व के सुख की कामना करने के कारण है। आज हमारी संस्कृति को नष्ट करने की कुत्सित कोशिश हो रही है। यह चिंता विहिप के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी जाहिर की।

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    युवा संत चिंतन शिविर का आयोजन 

    संपर्क प्रमुख झूंसी में आयोजित युवा संत चिंतन शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, एक ओर हम सब अपनी श्रेष्ठ संस्कृति की पहचान बना रहे हैं तो दूसरी ओर राष्ट्र विरोधी ताकतें हमें तोड़ने में जुटी हैं। ऐसी शक्तियों को पहचान कर अपने अस्तित्व के लिए धार्मिक दायित्व को निर्वहन की जिम्मेदारी लेनी है।

    युवा संतों से मार्गदर्शन करने का किया आग्रह

    उन्होंने कहा कि युवा संतों को ही आगे समाज का मार्गदर्शन करना है। हम लोगों के बीच जाएं और हिंदू समाज को एक करें। इसके लिए संगठन की ओर से कई कार्यक्रम तय किए गए हैं। संत अपने समय से 15 दिन निकाल कर मतांतरण, गो हत्या, नागरिक कर्तव्यों के पालन, पर्यावरण एवं सामाजिक समरसता के साथ संयुक्त परिवार एवं संस्कारों की चर्चा समाज में करें। विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से संगोष्ठियों व प्रवचन आदि के कार्यक्रम भी कराए जाएंगे।

    राष्ट्रीय महामंत्री बोले- मतांतरण, गोहत्या पर प्रतिबंध लगे

    अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद ने कहा, अब इस पवित्र धरती पर मतांतरण, गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए। हिंदू समाज के मंदिरों को सरकार के अधिग्रहण से मुक्त किया जाए। वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के आयोजन चल रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भी संत समाज लोगों को संदेश दें। राष्ट्र विरोधी शक्तियों, धर्म विरोधी शक्तियों, संस्कृति विरोधी शक्तियों को संत आदिकाल से जवाब देते आए हैं। इसे फिर प्रभावी तरीके से करना होगा।

    संत समाज के लोगों का किया आह्वान

    उन्होंने आह्वान किया कि संत समाज के लोग ऐसे लोगों की घर वापसी सहयोगी बनें जो किन्हीं कारणों से हमसे दूर हो गए। इसके लिए व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। यह समय हिंदू जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का है। अभावग्रस्त क्षेत्रों में कथा के कार्यक्रम, वेद और संस्कृति का प्रचार प्रसार संतों की जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय बिंदुओं, स्वाभिमान के विषय पर भी संतों को मार्गदर्शन करना है। निकट भविष्य में राष्ट्रभक्तों को अपने गौरवशाली इतिहास का बोध कराने का भी अभियान चलाया जाएगा। संत चिंतन शिविर से संकल्प लेकर निकलें कि वे जनजागरण का हिस्सा बनेंगे।

    इन्होंने भी विचार व्यक्त किए 

    स्वामी कृष्णानंद, महंत लवकुश दास, महंत लाल बाबा, रमन पुरी ने भी विचार रखे। विहिप के केंद्रीय सह मंत्री हरिशंकर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री लखनऊ क्षेत्र गजेंद्र, संगठन मंत्री नितिन, आद्या शंकर, ओमाआनंद, वीरेंद्र मणि, भूपेंद्र प्रताप, योगेश तिवारी आदि मौजूद रहे।

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