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    वीर गाथा कहने में अलीगढ़, बाराबंकी, जालौन और हाथरस पिछड़े, विद्यार्थियों में देशभक्ति भावना जगाने को पहल

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 02:24 PM (IST)

    वीर गाथा प्रोजेक्ट के पांचवें संस्करण में, उत्तर प्रदेश 2873539 विद्यार्थियों के साथ शीर्ष पर है। रक्षा और शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाना है। महोबा, प्रयागराज, सुल्तानपुर, चित्रकूट और एटा जिलों ने अच्छी प्रगति की है, जबकि अलीगढ़, बाराबंकी, जालौन और हाथरस जैसे जिले पिछड़ गए। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित विजेताओं को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा।

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    वीर गाथा प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश सर्वोच्च छात्र भागीदारी के साथ अग्रणी है।

    अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। रक्षा और शिक्षा मंत्रालय संयुक्त रूप से वीरगाथा प्रोजेक्ट के पांचवें संस्करण का आयोजन कर रहे हैं। यह कक्षा तीन से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए है। इसके तहत छात्र-छात्राओं में देशभक्ति की भावना जगाने और वीरता पुरस्कार पाने वाले विशिष्टजनों की कहानियों को विस्तारित करने व जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है।

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    विद्यार्थी जीओवी पोर्टल पर अपलोड कर रहे गतिविधि 

    कक्षा तीन से 12वीं तक के विद्यार्थी कविता, कहानी, निबंध, चित्र या किसी एनीमेशन के जरिए देशभक्ति के भाव को प्रदर्शित करते हुए माई जीओवी पोर्टल पर अपनी रचनात्मक गतिविधि को अपलोड कर रहे हैं तो उन्हें प्रमाणपत्र भी जारी किया जा रहा है।

    कौन जिले आगे और कौन पीछे 

    महोबा, प्रयागराज, सुल्तानपुर, चित्रकूट और एटा की प्रगति अच्छी है। नौ नवंबर तक इन जिलों में क्रमश: 219872, 116169,100922, 93841 और 88217 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की है। अलीगढ़, बाराबंकी, जालौन, हाथरस और मीरजापुर सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। यहां क्रमश: 5189, 5625, 6431, 7130, 7675 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया है।

    राष्ट्रीय स्तर के चयनित विजेताओं को 10,000 रुपये मिलेंगे

    स्कूल शिक्षा महा निदेशक ने समीक्षा के बाद कहा है कि प्रदेश में कुल 2873539 विद्यार्थियों ने इसमें सहभागिता की है जबकि लक्ष्य 60 लाख विद्यार्थियों का था। प्रत्येक विद्यालय से अधिकतम चार सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियां माई जीओवी डाट इन पोर्टल पर अपलोड करनी हैं। राष्ट्रीय स्तर के चयनित विजेताओं को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

    स्कूल अपने यहां 'वीर गाथा कार्नर' भी बना सकते हैं

    राष्ट्रीय मेंटर शत्रुंजय शर्मा के अनुसार चयनित छात्र वीरता पुरस्कार विजेताओं से संवाद सत्र में भी शामिल हो सकेंगे। इस अभियान के तहत स्कूल अपने यहां 'वीर गाथा कार्नर' भी बना सकते हैं। यह प्रयास आत्म गौरव को जगाने वाला है। छात्र छात्राओं में अभिव्यक्ति के कौशल को भी विकसित किया जा सकेगा।

    प्रयागराज में प्रतिभागिता 116169

    प्रयागराज में यू डायस पोर्टल के विवरण के अनुसार करीब 12 लाख विद्यार्थी पंजीकृत हैं लेकिन प्रतिभागिता 116169 है। इसे और बढ़ाया जाता तो अच्छा होता। लखनऊ में 50585, बरेली में 9486, आगरा में 9439, मेरठ में 64547, वाराणसी में 27675 विद्यार्थियों की प्रतिभागिता है। प्रयागराज मंडल के जिलों की बात करें तो फतेहपुर में 15772, कौशांबी में 43836, प्रतापगढ़ में 25231 छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की है।

    राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश प्रथम

    वीरगाथा प्राजेक्ट में देशभर से कुल 17123167 विद्यार्थियों की प्रतिभागिता है। उत्तर प्रदेश 2873539 विद्यार्थियों के साथ शीर्ष पर है जबकि सब से नीचे मिजाेरम है। यहां मात्र 228 विद्यार्थियों की प्रतिभागिता है। आसाम में 2703170, दिल्ली में 1286622 छात्र छात्राओं की प्रतिभागिता है। देशभर के केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूलों की तरफ से 1200398 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की है। इसके बाद पांचवें पायदान पर छत्तीसगढ़ है। उसके बाद पंजाब, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार का स्थान है। कम प्रतिभागिता वाली सूची में अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, लक्ष्द्वीप, गोवा, अंडमान और निकोबार शामिल हैं।

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