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    प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री प्रयगाराज में बोले- किराएदारी एग्रीमेंट से मकान मालिक-किराएदार के बीच विवाद कम होंगे

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 01:05 PM (IST)

    प्रयागराज में राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि किराएदारी एग्रीमेंट से मकान मालिक-किराएदार के बीच विवाद कम होंगे। सरकार ने किराएदारी-पट्टा विलेख के स्टांप व पंजीयन शुल्क में 10 वर्षों तक 90% छूट दी है। मंत्री ने कहा कि अब 100 रुपये के स्टांप पर नोटरी कराने वाले अनुबंध वैध नहीं होंगे। यह निर्णय किराएदारी व्यवस्था को सरल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा, जिससे कानूनी जटिलताओं से राहत मिलेगी।

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    प्रयागराज स्थित सर्किट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में बोलते राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल। जागरण 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। किराएदारी-पट्टा विलेखों के एग्रीमेंट से मकान मालिक व किराएदार के बीच अक्सर होने वाले विवादों में कमी आएगी। इसीलिए सरकार ने किराएदारी-पट्टा विलेख के स्टांप व पंजीयन शुल्क में अगले 10 वर्षों तक 90 प्रतिशत तक छूट देने का फैसला दिया है। ये बातें रविवार शाम सर्किट हाउस में स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल प्रेसवार्ता में कहीं।

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    किराएदारी व्यवस्था को सरल बनाने को लिया गया फैसला 

    किराएदारी-पट्टा विलेखों पर 10 वर्षों तक प्रभार्य स्टांप एवं पंजीयन शुल्क में छूट देने के कैबिनेट के निर्णय के संबंध में मंत्री ने कहा कि यह फैसला प्रदेश की किराएदारी व्यवस्था को सरल, सुरक्षित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। अब तक अधिकांश लोग अज्ञानतावश 100 रुपये के स्टांप पर मकान एवं दुकान के किराएनामे का नोटरी करा लेते थे, जो न्यायालय में उनके अधिकार को सिद्ध करने के लिए वैध नहीं होता था। इस व्यवस्था से किराएदारी विलेखों की रजिस्ट्री बढ़ेगी, विवाद कम होंगे और लोगों को अनावश्यक कानूनी जटिलताओं से राहत मिलेगी।

    बड़े स्तर पर छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है

    उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में प्रदेश में 10 वर्ष तक की अवधि के किराएदारी-पट्टा विलेखों पर प्रभार्य स्टांप व पंजीयन शुल्क में बड़े स्तर पर छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

    एक वर्ष से अधिक किराएदारी में पंजीयन अनिवार्य

    रजिस्ट्रीकरण अधिनिय के अनुसार एक वर्ष से अधिक अवधि वाले किराएदारी विलेखों का पंजीयन अनिवार्य है। अभी तक स्टांप अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार किराएनामे पर तय औसत वार्षिक किराए के एवं अवधि के अनुसार शहरी क्षेत्र में चार प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में दो प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता था मगर 100 रुपये पर नोटरी कराने के कारण विभागीय अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांचों में ऐसे मामलों में स्टांप वाद दर्ज होते हैं तथा कम स्टांप शुल्क की वसूली की जाती है।

    किराएदारों-भवन स्वामियों पर आर्थिक बोझ कम होगा

    व्यापक जनहित में एक वर्ष तक के मानक किरायानामा विलेखों को प्रोत्साहित करने तथा 10 वर्ष की अवधि वाले किरायनामों की रजिस्ट्री के लिए शुल्क की अधिकतम सीमा तय की गई है। इससे किराएदारों और भवन स्वामियों पर आर्थिक बोझ कम होगा तथा किरायानामा औपचारिक रूप से रजिस्टर्ड कराने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। टोल संबंधी पट्टों एवं खनन पट्टों को इस राहत से मुक्त रखा गया है, क्योंकि इनमें राजस्व हानि की आशंका अधिक रहती है।

    ये विशिष्टजन उपस्थित रहे 

    बाद में हुई विभागीय बैठक में डीआइजी स्टांप सुरेश कुमार त्रिपाठी, एआइजी स्टांप राकेश चंद्रा, उप निबंधक सदर चतुर्भुज पांडेय, उपनिबंधक करछना नीरज पांडेय, उपनिबंधक बारा रुकेश कुमार मिश्र, उपनिबंधक कोरांव विभा द्विवेदी, उपनिबंधक हंडिया श्यामशंकर, उपनिबंधक कोरांव भूपेंद्र वर्मा मौजूद रहे।

    निर्धारित अधिकतम स्टांप एवं पंजीयन शुल्क (10 वर्ष तक के किरायानामा विलेखों पर लागू)


    औसत वार्षिक किराया दो लाख रुपये तक 

    01 वर्ष तक – स्टांप शुल्क 500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 500
    01–05 वर्ष - स्टांप शुल्क 1500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 1500 रुपये

    05–10 वर्ष – स्टांप शुल्क 2000 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 2000 रुपये

    औसत वार्षिक किराया दो लाख एक रुपये छह लाख रुपये तक

    01 वर्ष तक – स्टांप शुल्क 1500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 1500 रुपये
    01–05 वर्ष – स्टांप शुल्क 4500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 4500 रुपये
    05–10 वर्ष – स्टांप शुल्क 7500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 7500 रुपये


    औसत वार्षिक किराया छह लाख एक रुपये से 10 लाख रुपये तक

    01 वर्ष तक – स्टांप शुल्क 2500 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 2500 रुपये
    01–05 वर्ष – स्टांप शुल्क 6000 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 6000 रुपये
    05–10 वर्ष – स्टांप शुल्क 10000 रुपये, रजिस्ट्री शुल्क 10000 रुपये

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