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    प्रयागराज में भू-माफिया ने बेच दी करोड़ों की सरकारी जमीन, SIT के निर्देश पर मुकदमा दर्ज, अभी और लोगों पर होगी कार्रवाई

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 07:59 PM (IST)

    प्रयागराज में एक चौंकाने वाली घटना में, भू-माफिया ने करोड़ों की सरकारी जमीन बेच दी। एसआईटी के निर्देश पर पूरामुफ्ती थाने में चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें छह लोगों को नामजद किया गया है। बमरौली के पोंगहट में ग्रामसभा की जमीन को अवैध रूप से बेचा गया। माफिया अतीक अहमद के रिश्तेदार भी इस मामले में शामिल हैं, जिन्होंने 5400 वर्ग मीटर से अधिक की सरकारी जमीन पर कब्जा करके प्लाटिंग कर दी थी।

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    प्रयागराज में भू-माफिया ने करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन बेच दी, रिपोर्ट दर्ज की गई है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में माफिया अतीक अहमद के रिश्तेदार सहित कई भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन बेच दिया। पोंगहट गांव में भू-माफिया ने किसानों से खरीदी गई जमीन के साथ अगल-बगल स्थित जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग कर दी। विशेष जांच दल (एसआइटी) के निर्देश पर शनिवार रात पूरामुफ्ती थाने में चार अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए, जिसमें कुल छह लोगों को नामजद कराया गया है।

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    माफिया अतीव व अशरफ ने बेची थी जमीन

    शहर पश्चिमी क्षेत्र में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ ने ढेरों जमीनों पर जबरन कब्जा कर बेच दिया था। कई स्थानों पर उसके गुर्गों व करीबियों ने काफी जमीनों पर प्लाटिंग कर बेच दिया। शासन स्तर पर इसकी शिकायत हुई तो एसआइटी गठित कराई गई।

    एसआइटी के निर्देश पर चार मुकदमा 

    एसआइटी में आवास आयुक्त डा. बलकार सिंह व आइजी रेंज प्रयागराज अजय कुमार मिश्र शामिल हैं। एसआइटी ने शनिवार को कब्जा की गई जमीन को लेकर हुई कार्रवाइयों की मौके पर जाकर जांच की थी। एसआइटी के निर्देश पर पूरामुफ्ती थाने में दर्ज कराए चार मुकदमों में छह आरोपितों पर लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम तथा अन्य गंभीर धाराएं लगाई गईं।

    खास-खास

    -30 करोड़ रुपये से ज्यादा की सरकारी जमीन पर पहले किया कब्जा, फिर प्लाट बेचा
    -5400 वर्ग मीटर से ज्यादा की राजकीय जमीन को भूमाफिया ने फर्जीवाड़ा से की बिक्री

    2014 से 2017 के बीच ग्रामसभा की जमीन बेची गई

    पहले मुकदमे के मुताबिक पूरामुफ्ती के रसूलपुर काशीपुर निवासी वकार अहमद आरोपित है। आरोप है कि वकार ने पोंगहट में 295 वर्ग मीटर जमीन खरीदी और आसपास की ग्राम सभा की जमीन की प्लाटिंग कर बेच दिया। वर्ष 2014 से 2017 के बीच ग्रामसभा की जमीन बेची गई।

    वर्ष 2018 से 2020 के बीच बेच दी जमीन  

    दूसरे मुकदमे में माफिया अतीक के रिश्तेदार जसीम अहमद निवासी अल्काविहार कालोनी, बमरौली, विकास सिंह, सरभुजा, भोजपुर, बिहार, अमित कुमार शुक्ला निवासी सोहबतियाबाग नामजद हैं। आरोप है कि तीनों आरोपितों ने 2400 वर्ग मीटर जमीन खरीदी और आसपास की सरकारी जमीन को मिलाते हुए 3174 वर्ग मीटर भूमि पर प्लाटिंग कर वर्ष 2018 से 2020 के बीच बेच दी।

    पोंगहट में ग्राम सभा की भ्ज्ञूमि पर प्लाटिंग

    तीसरे मुकदमे में नामजद अरविंद केशरवानी निवासी प्रीतम नगर पर आरोप है कि पोंगहट में उसने 8635 वर्ग मीटर जमीन खरीदी और आसपास की ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग कर दिया। फिर वर्ष 2005 से लेकर 2019 के बीच प्लाटों की रजिस्ट्री कर दी।

    पिपरी, चायल कौशांबी के प्रमोद ने बेची भूमि

    चौथे मुकदमे में नामजद प्रमोद केसरवानी निवासी पिपरी, चायल, कौशांबी पर आरोप है कि 4910 मीटर जमीन खरीदी और अगल-बगल की ग्राम सभा की जमीन को अपनी भूमि मिलाते हुए प्लाटिंग कर दिया। इसके बाद वर्ष 2012 से 2018 के बीच प्लाटों को बेच दिया। एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि हल्का लेखपाल सुधीर कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

    सरकारी भूमि पर हो गए निर्माण, होगी वसूली

    सरकारी जमीन पर कब्जा कर बेचने के मामले में इन नामजद भू-माफियाओं से मौजूदा कीमत पर पूरी जमीन की कीमत वसूली जाएगी। धनराशि न देने पर उनकी संपत्ति कुर्क कराई जाएगी। पोंगहट में लगभग 5400 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा करने के बाद बेच दिया है। जमीन खरीदने वालों ने मकान बनवा लिया। जिला प्रशासन सरकारी जमीन बेचने वालों से जमीन की कीमत वसूलेगा। नामजद सभी आरोपितों की संपत्तियों का ब्यौरा इकट्ठा किया जाएगा। धनराशि न देने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क की जाएगी।

    ससुर खदेरी नदी की जमीन भी जांच के दायरे में

    कौशांबी की सीमा से लेकर प्रयागराज के शहर पश्चिमी क्षेत्र में ससुर खदेरी नदी के किनारे की जमीन पर कब्जा करके बिक्री का मामला एसआइटी जांच के दायरे में आ गया है। एसआइटी ने इस नदी का पुराना नक्शा और उसकी जमीन के दस्तावेज तलब किए हैं। सदर तहसील प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द नदी के अभिलेखों को उपलब्ध कराए। नदी के किनारों का पहले ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा, फिर राजस्व टीमों को लगाकर पैमाइश कराई जाएगी। इसके बाद नदी की जमीन पर हुए कब्जा के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कराई जाएगी।