UP Board : कैशलेस चिकित्सा सुविधा सत्यापन से जुड़ सकती है आनलाइन उपस्थिति, फर्जीवाड़ा रोकने में भी मदद मिलेगी
यूपी बोर्ड अब माध्यमिक विद्यालयों के पूरे स्टाफ की आनलाइन उपस्थिति दर्ज करेगा। मुख्यमंत्री की शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा की घोषणा के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया है। आनलाइन उपस्थिति कैशलेस चिकित्सा सुविधा के सत्यापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और शिक्षकों के फर्जीवाड़े को रोकने में भी मदद करेगी। बोर्ड सचिव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने की घोषणा की है तो यूपी बोर्ड़ अपने विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की आनलाइन उपस्थिति अंकित करा है। यह आनलाइन उपस्थिति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में सत्यापन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़ी बन सकती है।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने तीन दिन पहले प्रदेश भर के जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर कैशलेस चिकित्सा सुविधा की घोषणा के दृष्टिगत भी विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक/प्रवक्ता/शिक्षक एवं शिक्षणेतर कार्मिकों की आनलाइन उपस्थिति अंकित कराने के निर्देश दिए हैं।
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वैसे तो यूपी बोर्ड स्कूल प्रोफाइल के अंतर्गत विद्यालय संबंधी जानकारियां अभी यूपी बोर्ड की वर्ष 2026 की परीक्षा की तैयारी के क्रम में अपडेट करा रहा है, लेकिन इसे भविष्य में कैशलेस चिकित्सा सुविधा से भी जोड़ा जा सकता है। आनलाइन उपस्थिति से शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों की प्रामाणिकता से आसानी से सत्यापित हो सकेगी। इससे शिक्षकों का फर्जीवाड़ा रोकने में भी मदद मिलेगी।
हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में यूपी बोर्ड ने पाया है कि कतिपय जनपदों में वित्तविहीन विद्यालय में फर्जी शिक्षकों के नाम पंजीकृत थे। विद्यालय में पंजीकृत होने के कारण उनकी विशेष रूप से प्रायोगिक परीक्षा में ड्यूटी भी लगी। वर्ष 2025 की परीक्षा में ऐसे कुछ शिक्षक पकड़े गए थे।
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इसी को ध्यान में रखकर बोर्ड सचिव ने कहा है कि स्कूल प्रोफाइल के अंतर्गत आनलाइन उपस्थिति के साथ विद्यालय से संबंधित जानकारी को विशेष रुचि लेकर शुद्धता और प्रामाणिकता से अपडेट और अपलोड कराएं। जो शिक्षक व कार्मिक कार्यरत नहीं हैं, उनके नाम अनिवार्य रूप से पोर्टल से हटाएं।
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