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    UDISE+ GIS मोबाइल एप की निगरानी में रहेंगे गुरुजी, स्कूलों की सही लोकेशन और तस्वीरें भी मिल सकेंगी

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 21 Dec 2025 03:08 PM (IST)

    UDISE+ GIS प्रयागराज में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए यू डायस प्लस जीआइएस कैंवर मोबाइल एप लांच किया गया है। अब गुरुजी जीआइएस कैंवर मोबाइल एप ...और पढ़ें

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    UDISE+ GIS मोबाइल एप स्कूलों के स्थानों और संसाधनों की निगरानी करने में सहायक होगा।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए एक और एप आया है। यह है यू डायस प्लस जीआइएस कैंवर (UDISE+ GIS) मोबाइल एप। इसकी मदद से स्कूलों की सही लोकेशन और तस्वीरें मिलेंगी। विभाग को सटीक डेटा, बेहतर निगरानी और योजना बनाने में भी सहयोग होगा। यह पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला कदम है।

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    स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिलों में भेजा पत्र 

    इस एप के माध्यम से स्कूलों की पहचान, बुनियादी सुविधाओं का पता लगाना और शैक्षिक संसाधनों का समान वितरण आसान हो सकेगा। यह एप डाट एंट्री को भी सरल बनाएगा। इसके प्रयोग के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक मोनिका रानी की ओर से सभी जिलों में पत्र भेजा गया है। शिक्षा मंत्रालय ने भी इस एप के प्रयोग के लिए निर्देशित किया है।

    दो दिसंबर को मोबाइल एप किया गया लांच 

    राष्ट्रीय मेंटर शत्रुंजय शर्मा के अनुसार स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने दो दिसंबर को समस्त विद्यालयों के लिए यू डायस प्लस-जीआइएस कैप्चर मोबाइल एप लांच किया है। यह एप्लिकेशन स्कूल की लोकेशन के फोटोग्राफ के साथ ही सटीक लैटिट्यूड और लांगीट्यूड कोआर्डिनेट्स को कैप्चार करने में मदद करने वाला है। इस एप को प्ले/एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

    डाटा संबंधित स्कूल के यू डायस पोर्टल से लिंक होगा 

    शासन स्तर से निर्देश मिला है कि जनपद और ब्लाक स्तर पर संबंधित अधिकारियों द्वारा समस्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्यों को एप के बारे में जानकारी दी जाए। इस एप के जरिए अपलोड किया गया डाटा सीधे संबंधित स्कूल के यू डायस पोर्टल से लिंक हो जाएगा। मोबाइल एप्लिकेशन के लिए लागिन क्रेडेंशियल वही रहेगा जो यू डायस लांगिन के लिए प्रयोग किया जा रहा है।

    प्रशिक्षण और कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्रयास

    जनपद /विकास खड स्तर पर यू-डायस यूजर्स (विद्यालयों को) को एप्लिकेशन के फीचर्स से परिचित कराने के लिए जरूरी प्रशिक्षण और कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला भी कराने के लिए निर्देश मिले हैं।

    स्कूलों की होगी बेहतर निगरानी

    माना जा रहा है कि इस एप के प्रयोग से स्कूलों की निगरानी ठीक तरह से होगी। अधिकारी एप के माध्यम से स्कूलों की प्रगति और बुनियादी सुविधाओं (जैसे शौचालय, बिजली) की स्थिति को सीधे ट्रैक कर सकेंगे। सभी हितधारकों के लिए स्कूलों की वास्तविक स्थिति देखना आसान हो जाएगा। इंटरैक्टिव मैप पर स्कूलों को देख कर वहां के वातावरण को समझना भी आसान होगा। इसके जरिए जटिल आंकड़ों को सरल चार्ट या रिपोर्ट बनाने में सहायता मिलेगी।

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