प्रयागराज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दर्दनाक हादसे, नदी में डूबने से दो की मौत, शंकरगढ़ और बहरिया में हादसा
प्रयागराज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शंकरगढ़ और बहरिया में दुखद घटनाएं हुईं। शंकरगढ़ के गाढ़ा कटरा गांव में दिवाकर सिंह नामक युवक की बंधा में डूबने से मौत हो गई। वहीं बहरिया के कनेहटी गांव में रामराज बिंद नामक युवक की तालाब में डूबने से मौत हो गई। इन घटनाओं से दोनों परिवारों में शोक की लहर है

संसू, जागरण, शंकरगढ़/वीरभानपुर (प्रयागराज)। प्रयागराज के यमुनापार के शंकरगढ़ और गंगापार के बहरिया स्थित वीरभानपुर में बड़ा हादसा हो गया। मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान दोनों स्थानों पर बंधा व तालाब में डूबने से दो लोगों की जान चली गई। दोनों के परिवार के लोग गमगीन हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया।
शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के गाढ़ा कटरा गांव में मूर्ति विसर्जन के दौरान युवक की बंधा में डूब जाने से मौत हो गई। गांव निवासी दिवाकर सिंह उर्फ झग्गू 32 वर्ष पुत्र विजय बहादुर सिंह गुरुवार को गांव में सजी दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए परिवार के साथ गांव से कुछ दूर रमेश के बंधा घोंद में पहुचे।
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वहां दिवाकर सिंह अपने भाई रवि सिंह तथा गांव के कुछ युवकों के साथ मां दुर्गा जी की मूर्ति को लेकर विसर्जन हेतु बंधा के अंदर पानी में घुसे। दिवाकर सिंह का पैर फिसल जाने के कारण वह मूर्ति के नीचे दब गए कुछ देर तक बाहर न आने पर छोटा भाई रवि सिंह चिल्लाने लगा।
भाई के चिल्लाने पर गांव के लोग तालाब के अंदर घुसे और मूर्ति के नीचे दबे दिवाकर सिंह को बाहर निकाला तथा अचेतावस्था में उन्हें तत्काल शिवराजपुर स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम ले गए। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उनकी मौत से स्वजन व ग्रामीण स्तब्ध हैं।
बताया जाता है कि दिवाकर तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। दिवाकर सिंह की 4 साल की बेटी है। पत्नी तीन साल से मायके में ही रह रही है । रवि सिंह भी मूर्ति के नीचे दब गया था। जिसकी हालत गंभीर देख परिजनों ने उसे प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
दूसरी घटना बहरिया थाना क्षेत्र में हुई। कनेहटी गांव निवासी राम राज बिंद बच्चा बिंद,समबोधी बिंद,बउ बिंद,सुनील कुमार बिंद के साथ पंचायत भवन के समीप पानी एवं जलकुंभी से भरे तालाब की सफाई कर रहा था। सुनील कुमार बिंद अपने घर चला गया था। कनेहटी गांव के विभिन्न मोहल्लों में सात स्थानों पर दुर्ग प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। कहरान बस्ती के लोग छोटी प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले आए थे।
पैसे के लेन देन के लिए बात चीत हो रही थी कि रामराज बिंद मूर्ति को लेकर तालाब में विसर्जित करने के उतरे। इस दौरान पैर फिसलने से तालाब में गिर गया। अन्य सभी साथियों ने खोज बीन करने लगे, लेकिन जलकुंभी एवं पानी अधिक होने के कारण ढूंढने में कठिनाई हो रही थी। साथी के पानी में डूबने की सूचना मिलने पर सुनील कुमार बिंद भी पहुंच कर तालाब में कूद कर ढूंढने का प्रयास किया तो वह भी जलकुंभी के बीच में लापता हो गया।
शोर मचाने पर गांव के लोग एकत्रित होने लगे। अन्य साथी पानी में ढूंढ रहे थे, सुनील कुमार बिंद लगभग आधा घंटा जलकुंभी के ऊपर हाथ पांव मारते हुए दिखाई दिए तो गांव वालों ने छोटी बड़ी रस्सी के सहारे सुनील बिंद बाहर लाने का कर प्रयास रहे थे लेकिन असफलता देख ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अविनाश पटेल द्वारा बड़ी रस्सी तालाब के आर-पार लगाई गई उसी के सहारे सुनील बिंद को बाहर निकाला गया।
रामराज बिंद का तालाब में कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को सूचना दी गई। थानाध्यक्ष बहरिया ब्रजेश सिंह फोर्स के साथ पहुंच कर मौका मुआयना किया। काफी प्रयास के बाद रामराज को बाहर निकाला लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शव कब्जे में लिया। तहसीलदार फूलपुर सुरेश कुमार शुक्ला, रजिस्टर कानून गो समर सिंह, कानून गो जितेन्द्र सिंह,हल्का लेखपाल मो .नबाब ने पहुंच कर जानकारी ली।
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