तीसरी बार महाकुंभ पहुंचे 3 अमेरिकी, बोले- 'पहले से काफी अलग रहा इस बार का अनुभव', 2031 में भी आने का किया वादा
पिछले कुंभ का अनुभव ले चुके तीन अमेरिकी गैरी जॉन और मारिया गुरुवार को महाकुंभ पहुंचे और भव्य दृश्य देखकर अभिभूत हो गए। तीनों प्रसन्नचित्त मुद्रा में कहते हैं कि यह वास्तव में भव्य दिव्य कुंभ है जो पिछले आयोजनों से अलग है। अमेरिकी नागरिक गैरी और जॉन के लिए यह तीसरा महाकुंभ था जबकि मारिया का यह दूसरा कुंभ है।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। अध्यात्म, संस्कृति और आस्था का महासंगम महाकुंभ एक ऐसा अनुभव है, जो हर बार नए रंग, नई अनुभूतियों और नई समझ के द्वार खोलता है। पहले महाकुंभ की आभा का साक्षात्कार कर चुके विदेशी भी चकाचौंध से बार-बार खिंचे चले आते हैं। आपको बता दें कि महाकुंभ में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
पिछले कुंभ का अनुभव ले चुके तीन अमेरिकी गैरी, जॉन और मारिया गुरुवार को महाकुंभ पहुंचे और भव्य दृश्य देखकर अभिभूत हो गए। तीनों प्रसन्नचित्त मुद्रा में कहते हैं कि यह वास्तव में भव्य, दिव्य कुंभ है, जो पिछले आयोजनों से अलग है।
मंत्रोच्चार ने बनाया दिव्य वातावरण
दूर-दूर तक विस्तृत क्षेत्र, साधु-संतों के अखाड़े, श्रद्धालुओं की अपार भीड़, गंगा के किनारे विशाल तंबू नगरी और चारों ओर गूंजते मंत्रोच्चार ने एक दिव्य वातावरण बना रखा है।
तीसरी बार महाकुंभ पहुंचे अमेरिकी नागरिक
अमेरिकी नागरिक गैरी और जॉन के लिए यह तीसरा महाकुंभ था, क्योंकि वे 2007 और 2019 के कुंभ में भी भाग ले चुके हैं, जबकि मारिया का यह दूसरा कुंभ है।
लाखों श्रद्धालु लगा रहे थे आस्था की डुबकी
गुरुवार को महाकुंभ में पहुंचने के बाद तीनों ने पवित्र संगम में स्नान करने का निर्णय लिया। सुबह संगम तट पर पहुंच गए, जहां पहले से ही लाखों श्रद्धालु डुबकी लगा रहे थे। जैसे ही उन्होंने जल में प्रवेश किया, उन्हें एक आध्यात्मिक ऊर्जा का अहसास हुआ।
मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मिली शुद्धि
गैरी ने कहा कि यह अनुभव केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करने वाला है। ऐसा लगता है, जैसे हमारी आत्मा को एक नया जीवन मिल रहा है। स्नान करने के बाद तीनों ने माथे पर तिलक लगाया।
पहले से काफी अलग रहा इस बार का अनुभव
मारिया ने बताया कि इस बार कुंभ का अनुभव पहले से अलग है। तीनों ने कुंभ मेले में कई सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भाग लिया। कथा-सत्संग सुने, जहां विभिन्न संतों ने जीवन और आध्यात्म पर प्रवचन दिए। उन्होंने अलग-अलग अन्नक्षेत्रों में भोजन का आनंद लिया।
गैरी को खूब पसंद आया खिचड़ी का स्वाद
गैरी को खिचड़ी का स्वाद बहुत भाया। मारिया ने कढ़ी चावल का आनंद लिया। कहा कि वह महाकुंभ में आने की पहले ही योजना बना चुकी थीं। आगे कहती हैं हम तीनों 2031 के कुंभ में भी आएंगे और इस दिव्य संगम में फिर से स्नान करेंगे।
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