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    TET 2026 : शिक्षक पात्रता परीक्षा के आयोजन पर चिंता में 1.86 लाख बेसिक शिक्षक, बिना टीईटी किए विद्यालयों में हैं कार्यरत

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 08:51 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बिना टीईटी उत्तीर्ण बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को दो वर्ष में परीक्षा पास करने का समय दिया है। शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष न होने से टीईटी 2026 के आयोजन पर अनिश्चितता है, जिससे 1.86 लाख शिक्षक चिंतित हैं। पहले यह परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कराता था। शिक्षक टीईटी की तैयारी कर रहे हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने पर वे उत्तीर्ण हो सकें।

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    बिना टीईटी किए शिक्षकों में शिक्षक पात्रता परीक्षा को लेकर चिंता है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बने रहने के लिए दो वर्ष में टीईटी उत्तीर्ण होने का समय दिया है। दूसरी तरफ जिस शिक्षा सेवा चयन आयोग को यह परीक्षा करानी है, उसमें पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं हैं।

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    परीक्षा का निर्णय लेने वाले अध्यक्ष दे चुकी हैं त्यागपत्र

    टीईटी परीक्षा आयोजन 29 व 30 जनवरी 2026 को कराए जाने का निर्णय एक अगस्त को जिस अध्यक्ष ने लिया था, वह 26 सितंबर को पद से त्यागपत्र दे चुकी हैं। ऐसे में अब इस परीक्षा के आयोजन पर निर्णय आयोग में आने वाले पूर्णकालिक अध्यक्ष को लेना है कि निर्धारित तिथि पर परीक्षा कराई जाएगी या नहीं। इस स्थिति में विशेष रूप से बेसिक शिक्षा परिषद के 1.86 लाख वह शिक्षक चिंतित हैं, जो बिना टीईटी किए विद्यालयों में कार्यरत हैं।

    पहली बार परीक्षा उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग कराएगा

    उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का आयोजन पहली बार उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को कराना है। इसके पूर्व यह परीक्षा उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) कराता था।

    सुप्रीम कोर्ट का क्या है महत्वपूर्ण निर्णय

    सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर को महत्वपूर्ण निर्णय दिया है कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बिना टीईटी के चयनित शिक्षकों को सेवा में बने रहने के लिए दो वर्ष के भीतर टीईटी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इस निर्णय का बिना टीईटी वाले कार्यरत शिक्षक विरोध कर रहे हैं। प्रदेश सरकार भी उनके साथ है और शिक्षकों के हित में सरकार पुनर्विचार की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट गई है। मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आना बाकी है, लेकिन शिक्षक टीईटी की तैयारी में जुट गए हैं, ताकि उनके विरोध में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने पर वह टीईटी उत्तीर्ण कर सेवा में बने रह सकें।

    क्या कहते हैं उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आता, तब तक शिक्षक टीईटी की तैयारी कर रहे हैं। उनकी चिंता को ध्यान में रखकर टीईटी आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट कर जल्द परीक्षा कराई जाए, ताकि दो वर्ष के समय में दो बार परीक्षा कराए जाने पर शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण होने के लिए दो अवसर मिल सकें।

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