Staff Selection Commission : 6 उम्मीदवारों को SSC ने कारण बताओ नोटिस भेजा, पहली बार आनलाइन होगी सुनवाई
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विवादित मामलों की सुनवाई ऑनलाइन करने का फैसला किया है। पहली बार छह अभ्यर्थियों को ऑनलाइन सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है, जिन पर परीक्षा में अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाने का आरोप है। 25 नवंबर को सुनवाई होगी, जिसमें आयोग उनका पक्ष सुनकर आगे की कार्रवाई करेगा। इस पहल से दूरदराज के अभ्यर्थियों को प्रयागराज आने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी।

कर्मचारी चयन आयोग की नई पहल, अब आयोग विवादित मामलों की आनलाइन सुनवाई कर रहा है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता को और मजबूत करने की दिशा में एक नया कदम उठाया है। आयोग अब विवादित मामलों की सुनवाई आनलाइन कर रहा है। पहली बार छह अभ्यर्थियों को आनलाइन सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है।
अभ्यर्थिियों की जगह दूसरा व्यक्ति बैठा था
इन अभ्यर्थियों पर आरोप है कि इन्होंने अपनी जगह परीक्षा में दूसरे व्यक्ति को बैठाने की कोशिश की थी। आधार और फेस वेरीफिकेशन से तथ्यों की पुष्टि होने के बाद इन अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस एसएससी की ओर से दिया गया है।
अभ्यर्थियों का पक्ष सुन आयोग आगे की करेगा कार्रवाई
मामले की सुनवाई 25 नवंबर को की जाएगी। इसमें आयोग पक्ष सुनकर आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेगा। एसएससी मध्य क्षेत्र ने इसे माडल के रूप में शुरू किया है। यदि यह पहल सफल रहती है तो देशभर के अन्य क्षेत्रों में भी यह माडल लागू किया जाएगा।
दूरदराज के क्षेत्रों से मुख्यालय आने की परेशानी दूर होगी
आनलाइन सुनवाई की पहल से उत्तर प्रदेश और बिहार के दूरदराज जिलों के अभ्यर्थियों को मुख्यालय (प्रयागराज) आने की परेशानी से राहत मिलेगी। आनलाइन सुनवाई के लिए आयोग ने मध्य क्षेत्र कार्यालय में सेटअप तैयार किया है। इसमें अभ्यर्थी वर्चुअली जुड़ सकेंगे और आयोग की टीम कार्यालय में मौजूद रहकर उनसे पक्ष जानेगी।
एआइ और डेटा एनालिसिस का प्रयोग
एसएससी ने भर्ती परीक्षाओं में नकल या अन्य फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर आधारित पहचान, डेटा एनालिसिस और फेस आइडेंटिफिकेशन का उपयोग काफी बढ़ा दिया है। इन्हीं प्रयासों के तहत अब सुनवाई की प्रक्रिया में भी तकनीक को शामिल किया जा रहा है। मध्य क्षेत्र के निदेशक डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इससे अभ्यर्थियों के समय और धन दोनों की बचत होगी, साथ ही ऐसे प्रकरण का निस्तारण भी तीव्रता से होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।