विद्यार्थी कहेंगे 'मेरे बदलाव की कहानी', कस्तूरबा विद्यालयों और पीएमश्री स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए सोशल एक्शन प्रोजेक्ट्स
कस्तूरबा विद्यालयों और पीएमश्री स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए सोशल एक्शन प्रोजेक्ट्स 2025 का आयोजन हो रहा है। मेरे बदलाव की कहानी के तहत विद्यार्थी ...और पढ़ें

प्रदेश के कस्तूरबा विद्यालय और पीएम श्री स्कूलों के छात्रों के लिए सामाजिक कार्य परियोजना 2025 शुरू है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रदेशभर के कस्तूरबा विद्यालयों और पीएमश्री स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए सोशल एक्शन प्रोजेक्ट्स 2025 का आयोजन हो रहा है। इसके जरिए विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, सम्मान, नेतृत्व क्षमता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने का प्रयास है। प्रत्येक विद्यालय को इसमें प्रतिभागिता करना है। स्कूल स्तर से किसी एक श्रेष्ठ एंट्री को चयनित कर प्रदेश कार्यालय को भेजना है।
इस वर्ष बच्चों के भाग लेने के लिए चार अलग-अलग प्रतियोगिताएं हो रही हैं। इसमें मेरे बदलाव की कहानी- अपनी व्यक्तिगत परिवर्तन की कहानी या कविता लिखकर विद्यार्थी को वाचन करना है। दूसरा वर्ग है कामिक बुक निर्माण- “आधा-फुल” जैसी अपनी मौलिक कामिक बुक तैयार करना है। तीसरा वर्ग व्हाट एन आइडिया है। इसके तहत स्थानीय समस्या के लिए रचनात्मक और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करना है। चौथे वर्ग में चैंपियन आफ चेंज को रखा गया है। इसके तहत विद्यार्थी अपने विद्यालय या गांव से संबंधित किसी समस्या पर स्थानीय अधिकारी को पत्र लिखेंगे।
राष्ट्रीय मेंटर शत्रुंजय शर्मा ने बताया कि स्कूलों को 20 नवंबर तक एंट्री भेजनी थी लेकिन अभी प्रदेशभर से मात्र 40 प्रतिशत प्रतिभागिता हुई है। इसकी वजह से तिथि का विस्तार कर दिया गया है। स्कूल अभी एक सप्ताह तक और एंट्री भेज सकते हैं। इस प्रतियोगिता में कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। गतिविधियों की थीम “आधा फुल कामिक बुक” या “प्रगति के पंख” में से किसी एक पर होनी चाहिए। यदि बाल अधिकारों की बात हो तो सभी विषय शामिल कर लिए जाएंगे।
मेरे बदलाव की कहानी वर्ग में छात्र अपनी खुद की कहानी या कविता लिखेंगे और सुनाएंगे। इसमें उस बदलाव का वर्णन करना होगा जिसे उन्होंने खुद देखा या शुरू किया हो। चुनी गई एंट्री का वीडियो रिकसर्ड करके भेजना होगा। एंट्री हिंदी या अंग्रेजी में हो सकती है। वीडियों अधिकतम तीन मिनट का होना चाहिए। कामिक बुक निर्माण वर्ग में छात्र अपने वास्तविक जीवन के अनुभवों या सामाजिक विषयों (जैसे समानता, जलवायु परिवर्तन या बाल अधिकारों) से प्रेरित होकर मौलिक कामिक बुक बनाएंगे।

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