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    SIR in Prayagraj : प्रेम विवाह एसआइआर अभियान में बन रहा बाधा, मां-बाप से मुंह मोड़ने वाली युवतियां के समक्ष मुसीबत

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 02:15 PM (IST)

    SIR in Prayagraj प्रयागराज में मतदाता सूची अपडेट करने के एसआइआर अभियान में प्रेम विवाह करने वाली महिलाओं के मायके वाले रिकॉर्ड बाधा बन रहे हैं। 2003 की वोटर लिस्ट से मिलान करने में बीएलओ को कठिनाई हो रही है क्योंकि प्रेम विवाह करने वाली कई महिलाओं के मायके वालों से रिश्ते टूट गए हैं और वे जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। इससे विवाहिताओं को गणना प्रपत्र भरने में दिक्कत आ रही है।

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    SIR in Prayagraj वर्ष 2003 के बाद लव मैरिज करने वाली युवतियों की मतदाता सूची अपडेट कराने में बाधा आ रही है, मायके वाले जानकारी नहीं दे रहे हेंं।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। SIR in Prayagraj मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में प्रेम विवाह कनरे वाली विवाहिताओं के मायके वाले रिकार्ड में बाधा बन रहे हैं। बीएलओ को 2003 की वोटर लिस्ट से जानकारी मिलान करने में कठिनाई हो रही है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो गई है।

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    SIR in Prayagraj सबसे ज्यादा शहर के बीएलओ इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही किराएदार और गलत पते के चलते भी अभियान की प्रगति तेज नहीं हो पा रही है। दरअसल, डिजिटलाइजेशन से पहले डेटा को ठीक करना जरूरी है।

    मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन बनाने करे चल रहा अभियान

    जनपद में मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन बनाने के लिए चल रहा एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) अभियान तेज रफ्तार में आगे बढ़ रहा है लेकिन इसकी सबसे बड़ी बाधा प्रेम विवाह करने वाली महिलाओं से जुड़े मायके वाले रिकार्ड बन रहे हैं।

    लव मैरिज से अधिकांश विवाहिताओं के मायके से छूटे रिश्ते

    SIR in Prayagraj बीएलओ घर–घर जाकर फार्म भरवाने में जुटे हुए हैं मगर पिछले दो दिनों से ऐसे प्रकरण भी सामने आए, जिसमें विवाहित महिलाओं के रिकार्ड मिलान में लगने वाला समय पूरी प्रक्रिया को धीमा कर रहा है। दरअसल, लव मैरिज करने वाली ज्यादातर विवाहिताओं के मायके वालों से रिश्ते टूट गए हैं, जबकि मतदाता सूची में उनका नाम मायके के रिकार्ड से ही शामिल हो सकेगा।

    ये परिशानी आड़े आ रही

    SIR in Prayagraj आधार, मोबाइल नंबर के साथ उन्हें माता-पिता और पति का नाम भरना अनिवार्य है लेकिन उन महिलाओं के फार्म में सबसे अधिक दिक्कत आती है जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में मायके के पते पर दर्ज था। लव मैरिज के बाद वे ससुराल आ गईं, जबकि पुराने दस्तावेजों में उनकी जानकारी मायके के पते से जुड़ी हुई है और संबंध टूटने के बाद मायके वाले जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।

    प्रशासन के सामने चुनौती

    SIR in Prayagraj इस कारण विवाहिताओं को एसआइआर के लिए गणना प्रपत्र भरने में दिक्कत आ रही है। सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां मायका पक्ष ने अपनी ही बेटी से जुड़े आवश्यक विवरण देने से मना कर दिया है। इससे न सिर्फ रिश्तों की दरारें उजागर हो गई हैं बल्कि प्रशासन के सामने चुनौती भी खड़ी हो गई है।

    दूसरे जिले या प्रदेशों से आई बहुओं का रिकार्ड जुटाना भी कठिन

    बीएलओ घर-घर जाकर विवरण जुटा रहे हैं लेकिन प्रेम विवाह करने वाली महिलाएं इस प्रक्रिया में सबसे अधिक प्रभावित दिख रही हैं। प्रेम विवाह करने पर बेटी से नाराज चल रहे मायके पक्ष के लोग जानकारी साझा नहीं करना चाहते हैं। सर्वे में यह भी सामने आया है कि दूसरे जिलों अथवा अन्य प्रदेशों से आईं बहुओं का पूरा रिकार्ड जुटाना और भी कठिन है।

    शहर के इन मुहल्लों में अधिक समस्या

    विवाह से पहले के आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने से फार्म अधूरा छोड़ना पड़ रहा है। अल्लापुर, सलोरी, राजापुर, बघाड़ा, झलवा, मीरापुर, अतरसुइया, खुल्दाबाद, प्रीतम नगर, बैरहना, अलोपीबाग, तेलियरगंज व नैनी क्षेत्र के बीएलओ तो मायके के लोगों से संपर्क कर उन्हें मनाने की कोशिश भी की है।

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