प्रयागराज का नगर निगम...सीनियर सिटीजन की समस्याएं हल नहीं हो रहीं, इधर से उधर लगाते हैं दौड़ फिर भी नहीं होती सुनवाई
प्रयागराज नगर निगम में सीनियर सिटीजन की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर को 100 गज की गली बनवानी है, पर पांच बार प्रार् ...और पढ़ें

प्रयागराज नगर निगम में बुजुर्ग नागरिकों को छोटे काम के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है, मंगलवार को नगर आयुक्त से इन्होंने बताई समस्या। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जन सुविधा मुहैया कराने के लिए भारी भरकम मशीनरी और मानवीय तंत्र, बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति और सरकार से मिला भरा पूरा खजाना। फिर भी प्रयागराज के नगर निगम की लीला बड़ी निराली है। छोटे-छोटे कार्य कराने के लिए बुजुर्ग नागरिकों और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को दौड़ लगानी पड़ रही है कोई सुनवाई नहीं हो रही।
नगर निगम में मंगलवार को दो मामले सामने आए
ऐसे ही दो मामले मंगलवार को नगर आयुक्त साईं तेजा के सामने आए। एक सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर को अपने घर के सामने 100 गज की जमीन बनवाना है पांच बार प्रार्थना पत्र देने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। रेलवे से सेवानिवृत कार्यालय अधीक्षक ने अपने घर के सामने की स्ट्रीट लाइट जलवाने के लिए तीन बार प्रार्थना पत्र दियाम हर बार फरियाद रद्दी की टोकरी में फेंक दी गई।
100 गज की गली बनवाने को सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर लगा रहे दौड़
बोले, मेरा नाम जमीर अहमद है। बेनीगंज के वार्ड 74 के अंतर्गत नवाब नगर में रहता हूं। करेली थाना के ठीक पीछे घर है मेरा। घर के सामने 100 गज लंबी गली है जिसमें 30-35 मकान हैं। पूरे करेली क्षेत्र में गलियां बन गई हैं, हमारी ही गली नगर निगम से नहीं बन पा रही है। तीन बार प्रार्थना पत्र आनलाइन भेज चुके हैं। कमिश्नर को भी दिया है। दो बार स्वयं नगर निगम में पत्र लेकर आया हूं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिंदगी भर मैं पुलिस में रहते हुए दूसरे फरियादियों के मामले निस्तारित कराता रहा। यहां प्रयागराज के नगर निगम में मेरी ही फरियाद अनसुनी हो रही है। कैसी व्यवस्था है समझ नहीं आ रहा। अब तो लग रहा है कि मैं इंस्पेक्टर रहता और कहीं भी रहता तो गली पलक झपकते बन जाती। सेवानिवृत हो गया हूँ तो स्वयं को मजबूर पा रहा हूं।
मैं सीनियर सिटीजन, मुझे ही दौड़ा रहे
अशोक नगर नेवादा में रहता हूं रेलवे में सेवा में रहते कार्यालय अधीक्षक था। मेरे घर के सामने स्ट्रीट लाइट खराब है। भोर में टहलने निकलता हूं तो कभी-कभी गली में लड़खड़ा कर गिर जाता हूं। शाम होते ही अंधेरा हो जाता है। स्ट्रीट लाइट दो महीने से खराब है। नगर निगम में स्वयं आकर तीन बार प्रार्थना पत्र दे चुका हूं। आज मंगलवार को भी नगर आयुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है। इतना बड़ा प्रशासनिक तंत्र है मैं सीनियर सिटीजन हूं लगातार आ रहा हूं। एक स्ट्रीट लाइट नगर निगम नहीं बनवा पा रहा है फिर इतने बड़े प्रशासनिक तंत्र का फायदा ही क्या। यहां पर समाधान दिवस हर मंगलवार को लगता है जब समाधान नहीं हो रहा, छोटी-छोटी समस्याएं भी हल नहीं हो पा रही हैं तो फिर इस दिवस का मतलब ही क्या है।
शीघ्र निस्तारित होंगी समस्याएं : नगर आयुक्त
नगर आयुक्त साईं तेजा का कहना है कि फरियादियों के प्रार्थनापत्र लिए गए हैं। शीघ्र ही उनकी समस्याएं निस्तारित कराई जाएंगी। समाधान दिवस जन समस्याओं के निस्तारण के लिए ही है।

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