स्कूल गेट की टूटी कुंडी बनी मासूम की मौत का कारण, 3 माह से टूटी थी, लापरवाही से परिवार को मिला जीवन भर का गम
प्रयागराज के बहरिया में एक कंपोजिट विद्यालय में दर्दनाक हादसा हुआ। स्कूल गेट की टूटी कुंडी के कारण गेट गिरने से सात वर्षीय बालक की मौत हो गई। आरोप है कि कुंडी तीन माह से टूटी थी, जिसकी मरम्मत नहीं कराई गई। प्रधानाध्यापक एवं ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ढांचागत व्यवस्था को चाकचौबंद करने के आदेश के बावजूद लापरवाही बरती गई।

बहरिया के कंपोजिट विद्यालय धमौर में दर्दनाक हादसे में एक मासूम की मौत से गमगीन परिवार के लोग व ग्रामीण। फोटो जागरण
संसू, जागरण, बहरिया (प्रयागराज)। बहरिया के कंपोजिट विद्यालय धमौर में दर्दनाक हादसे में एक मासूम की जान चली गई। कुंडी टूटी होने से स्कूल गेट टूटकर गिर गया और उसके नीचे दबकर सात वर्षीय बालक की मौत हो गई। इस हादसे के पीछे विद्यालय प्रशासन और ग्राम पंचायत के जिम्मेदार लोगों की लापरवाही बताई जाती है।
बुधवार को बहरिया के कंपोजिट विद्यालय धमौर का मामला
बुधवार को बहरिया के कंपोजिट विद्यालय धमौर विद्यालय के गेट कुंडी टूट कर गिरने से उसके नीचे दबकर सात वर्षीय ईशू पाल पुत्र मनोज पाल की मौत हो गई थी। आरोप है कि गेट के नीचे की कुंडी तीन माह पूर्व टूटी हुई थी, जिसे न विद्यालय प्रशासन बनवा सका और न ही ग्राम पंचायत के द्वारा मरम्मत कराई जा सकी। इसका नतीजा यह हुआ कि ईशु पाल की मौत हो गई। अब प्रधानाध्यापक एवं ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया है।
मासूम के पिता ने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया
यीशु पाल के पिता मनोज पाल ने सक्षम अधिकारी / जिला अधिकारी को संबोधित एक शपथ पत्र दिया है कि उसके पुत्र की मौत की जिम्मेदार न तो विद्यालय प्रशासन है और न ही ग्राम पंचायत विभाग। वह इतने दिन के लिए ही मेरे साथ रहने आया था और जिंदगी भर का कष्ट देकर चला।
पिता ने क्यों दिया शपथ पत्र?
इसका कारण समझ में नहीं आ रहा है की मनोज पाल शपथ पत्र क्यों दिया क्या किसी के दबाव में या प्रलोभन में पहले दिन तो उसके भाई की तरफ से थाना अध्यक्ष को संबोधित एक प्रार्थना पत्र फौरी सूचना के लिए दिया गया था। इस घटना ने पंचायती राज विभाग की पोल खोल कर रख दी है। जबकि नई शिक्षा नीति वर्तमान में लागू है जिसके अंतर्गत ढांचा गत व्यवस्था को चाकचौबंद करने का आदेश है।
जिम्मेदारों ने गेट की मरम्मत नहीं करवाई
बताया जाता है कि संविलियन विद्यालय धमौर के प्रधानाध्यापक के द्वारा ग्राम प्रधान को गेट टूटने की तीन माह पूर्व सूचना देकर अपने कर्तव्यों से मुक्त हो गए थे। जबकि तीन महापूर्व आंगनबाड़ी भवन बनाने के लिए ग्राम प्रधान के द्वारा ही गेट पर ही गिट्टी गिरा दी गई थी। उसी समय गेट की कुंडी क्रेक हो गई थी किंतु जिम्मेदार लोगों ने गेट की मरम्मत करवाने में उदासीनता बरती गई जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हो गया।
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