Rashtriya Swayamsevak Sangh : वैदिक ज्ञान आत्मसात करेंगे युवा, गांव-मुहल्लों में होगी वेद पूजा, आरएसएस शुरू करेगा मुहिम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान ने मूल्यों की स्थापना के लिए पहल की है। इसके तहत युवा पीढ़ी को वेदों के मह ...और पढ़ें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुहिम से युवा करेंगे वैदिक ज्ञान आत्मसात, गांव-मुहल्लों में होगी वेद पूजा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान ने समाज में मूल्यों की स्थापना के लिए कुछ प्रयास शुरू किए हैं। इसी दिशा में दिसंबर में संगठन के स्वयंसेवक अपने आसपास के मंदिरों में नई पीढ़ी के लोगों को ले जाएंगे। उनसे वेद पूजन कराया जाएगा। इसका महत्व भी उन्हें समझाया जाएगा। संगठन ने आध्यात्मिक, प्रबुद्ध, शिक्षाविद एवं सेवाभावी लोगों के जरिए मूल्य निर्माण से नव भारत निर्माण में सहयोग का आह्वान किया है।
मुहिम शुरू हो रही है
युवा पीढ़ी को जीवन मूल्यों में प्रशिक्षित करने वाले शिक्षकों की कार्यशाला भी जुलाई व अगस्त में प्रदेशभर में कराई जाएगी। प्रत्येक वार्ड व गांव में प्रकृति वंदन के तहत वृक्षारोपण के साथ प्रतिदिन पौधों को पानी देने का अभियान चलाया जाएगा। समाज में छह सिद्धांतों के आधार पर संस्कारों को विकसित करने की मुहिम शुरू हो रही है।
सामूहिक संपूर्ण वंदेमातरम् गान समारोह 16 को
हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के क्षेत्र संयोजक अमरनाथ के अनुसार 16 दिसंबर को राष्ट्रगीत वंदेमातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सामूहिक संपूर्ण वंदेमातरम् गान समारोह होने जा रहा है। सुबह 10 बजे भारत स्काउट एंड गाइड इंटर कालेज में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एकत्र होंगे। इस मौके पर पद्मश्री डा. सोमा घोष विशिष्ट अतिथि रहेंगी जबकि मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य होंगे।
मंदिरों में वेद पूजन के आयोजन होंगे
इसके बाद गांव व मुहल्लों के अलग-अलग मंदिरों में वेद पूजन के आयोजन होंगे। साथ ही विभिन्न प्रकार के शपथ भी दिलाने की तैयारी है। नई पीढ़ी से शपथ में कहलवाया जाएगा कि मैं वनों के प्रतीक रूप में वृक्षों का सम्मान करूंगा। वन्य जीवों के प्रतीक नागों अर्थात सर्पों, जीवित प्राणियों के प्रतीक रूप में गायों, प्रकृति के प्रतीक गंगा का सम्मान करूंगा। पर्यावरण के प्रतीक धरती माता, मानवीय मूल्यों के प्रतीक अभिभावकों, शिक्षण के प्रतीक अध्यापक का, मातृत्व के प्रतीक स्त्री का और भारत के प्रतीक रूप में युद्ध नायकों का सम्मान करूंगा। इसके अतिरिक्त हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान की ओर से सेवा कार्यों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।

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