सियालदह-अजमेर सुपरफास्ट के पावदान से फिसला महिला यात्री का पैर, RPF इंस्पेक्टर ने ट्रेन के पहिये के नीचे जाने से बचाया
प्रयागराज जंक्शन पर सियालदह-अजमेर सुपरफास्ट में चढ़ते समय एक महिला यात्री का पैर फिसल गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार मीना ने तत्परता दिखाते हुए महि ...और पढ़ें

RPF इंस्पेक्टर ने प्रयागराज जंक्शन पर महिला को ट्रेन के नीचे आने से बचाकर बहादुरी की मिसाल पेश की, घटना प्लेटफार्म पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। एक पल की देरी होती...तो सब कुछ खत्म हो जाता। सतर्कता और हिम्मत ने मौत को चुनौती दे दी। प्रयागराज जंक्शन पर कुछ ऐसा ही हुआ, जिसे देखकर हर किसी की सांसें दो पल के लिए थम सी गई थीं। आरपीएफ इंस्पेक्टर अमित कुमार मीना ने चीते सी फुर्ती दिखाते हुए एक महिला यात्री को चलती ट्रेन के पहिये के नीचे जाने से बचाकर बहादुरी की मिसाल पेश की।
एस-फाइव कोच में सवार होना था
आज मंगलवार को दोपहर करीब 12:15 बजे प्लेटफार्म नंबर-एक पर सियालदह-अजमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12987) खड़ी थी। ट्रेन रवाना होने को तैयार थी। इसी बीच प्रयागराज के घूरपुर थाना क्षेत्र में जसरा के ग्राम उभारी की रहने वाली फोजिया बानो अजमेर जा रही थीं। वह कोच एस-फाइव में सवार होने की जल्दी में थीं।
चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की
ट्रेन ने प्लेटफार्म पर हल्की गति पकड़ ली थी। फोजिया ने दौड़कर चढ़ने की कोशिश की। इसी बीच अचानक उनका पैर फुटबोर्ड से फिसला और संतुलन बिगड़ गया। शरीर ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच के खतरनाक गैप में जाने लगा। पहिए करीब आते जा रहे थे। यह देख लोगों की सांसें अटक गईं। मौत महज सेकंड दूर थी।
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी इंस्पेक्टर अमित ने बचाया
तभी करीब 10 मीटर दूर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ पोस्ट प्रभारी इंस्पेक्टर अमित कुमार मीना की नजर पड़ी। एक भी पल गंवाए बिना उन्होंने पूरी ताकत से दौड़ लगाई। चीते जैसी फुर्ती दिखाई। आसपास मौजूद सिपाही और दारोगा भी हरकत में आ गए, सब दौड़े। अमित सबसे आगे थे। वह महिला तक पहुंचे और हाथ बढ़ाया। जोरदार झटके से खींच लिया। महिला का शरीर पहियों से सिर्फ इंच भर दूर था। एक पल और...अनहोनी हो जाती। तब तक बाकी जवान भी आ पहुंचे।
महिला यात्री को जवानों ने बंधाया ढांढस
फोजिया बुरी तरह डर से कांप रही थीं। सांसें उखड़ी हुईं, आंखें नम। जवानों ने उन्हें संभाला। ढांढस बंधाया। बोले कि डरिए मत, आप पूरी तरह सुरक्षित हैं। अब सब ठीक हो गया। इस बीच ट्रेन भी रोक दी गई। कुछ देर आराम के बाद उन्हें ट्रेन में बैठाकर सुरक्षित रवाना किया गया। फोजिया ने बार-बार शुक्रिया कहा।
'आपरेशन जीवन रक्षा' का हिस्सा था यह कारनामा
यह कारनामा रेलवे सुरक्षा बल के 'आपरेशन जीवन रक्षा' का हिस्सा था। इस अभियान में प्लेटफार्म पर चौकसी बरती जाती है, ताकि ऐसी दुर्घटनाएं न हों। लोग बोले कि अमित कुमार मीना ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से न सिर्फ एक जान बचाई, बल्कि साबित कर दिया कि ड्यूटी पर मुस्तैदी कितनी बड़ी ताकत होती है।
आरपीएफ जवानों ने यात्रियों को समझाया
घटना के बाद जवानों ने यात्रियों को समझाया कि चलती ट्रेन में कभी नहीं चढ़ें। जल्दबाजी जानलेवा साबित हो सकती है। ट्रेन रुकने का इंतजार करें। रेलवे स्टेशनों पर ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं, लेकिन अमित मीना जैसे जांबाज रोज बिना शोर के हीरो बनते हैं। उनकी यह बहादुरी न सिर्फ फोजिया की जिंदगी बचाई, बल्कि लाखों यात्रियों को संदेश देती है कि सुरक्षा सबसे पहले। ऐसे जांबाजों पर गर्व है, जो चुपचाप देश की सेवा करते हैं।

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