प्रयागराज में वक्फ संपत्तियों का गलत उपयोग करने वाले माफिया की श्रेणी में आएंगे, कई लोगों का है अवैध कब्जा
प्रयागराज में वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग पर प्रशासन सख्त हो गया है। वक्फ संपत्तियों को छिपाने और अवैध रूप से उपयोग करने वालों को वक्फ माफिया माना जाएगा। जिले में लगभग 3000 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से कई पर अवैध कब्जा है। इन संपत्तियों का विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जा रहा है। सरकारी जमीनों को गलत तरीके से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किए जाने के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू हो गई है।

प्रयागराज प्रशासन वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रशासन अब वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाए लोगों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। वक्फ की संपत्तियों को छिपाने वाले और गलत तरीके से उपयोग करने वाले लोग अब वक्फ माफिया की श्रेणी में आएंगे।
तीन हजार वक्फ संपत्तियों में 100 का भी रजिस्ट्रेशन नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि दिसंबर के पहले हफ्ते तक वक्फ संपत्तियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर आनलाइन दर्ज किया जाए मगर जनपद में इस दिशा में काम बेहद धीमी रफ्तार से चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार जिले में लगभग तीन हजार वक्फ संपत्तियां हैं मगर अब तक रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा सैकड़ा भी नहीं पार कर सका है।
कई लोग जानबूझकर रजिस्ट्रेशन से बच रहे
जनपद में जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा वक्फ कमेटियां और इन संपत्तियों के केयरटेकर (मुतवल्ली) हैं। बावजूद इसके अधिकांश संपत्तियों का ब्योरा आनलाइन दर्ज कराने का कार्य बेहद धीमा है। प्रशासन की मानें तो कई लोग जानबूझकर रजिस्ट्रेशन से बच रहे हैं, क्योंकि उन्होंने इन संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रखा है। कई जगहों पर वक्फ की जमीनों पर आलीशान घर, दुकानें और व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर दी गई हैं।
प्रशासन ने कड़ा रुख करेगा
जिले में वक्फ की कई संपत्तियां वर्षों से निजी उपयोग में हैं, जिनका ब्योरा कभी दर्ज नहीं कराया गया। अब रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया है तो ऐसे लोग सामने आने से बच रहे हैं। प्रशासन अब इस मामले पर कड़ा रुख अपनाने की योजना बना रहा है। अब वक्फ की संपत्तियों को दबाकर बैठने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कई वक्फ संपत्तियों पर माफिया व गुर्गों का कब्जा
वक्फ की संपत्तियों को छिपाने वाले और गलत तरीके से उपयोग करने वाले लोग अब वक्फ माफिया की श्रेणी में आएंगे। प्रयागराज जनपद में वक्फ की 3000 से ज़्यादा छोटी-बड़ी संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 2060 करोड़ रुपये है। इनमें से कई संपत्तियों पर अवैध कब्जा है, जबकि कुछ को बेच दिया गया है। कई संपत्तियों पर माफिया तथा उसके गुर्गों का अब भी अवैध कब्जा है। इन संपत्तियों की देखरेख वक्फ बोर्ड की ओर से की जाती थी। अब उम्मीद पोर्टल पर इन संपत्तियों के दर्ज हो जाने से इनकी स्थिति की जानकारी हो सकेगी।
विभिन्न तहसीलों में 17 टीमें लगी हैं
पोर्टल पर सभी जानकारियां दिसंबर के पहले हफ्ते तक अपलोड किया जाना है। इस कार्य के लिए विभिन्न तहसीलों में 17 टीमें लगाई गई हैं। सदर तहसील में तीन तथा अन्य सात तहसीलों में दो-दो टीमें लगा दी गई हैं। सर्वे के साथ ही वक्फ संपत्तियों का लेखा-जोखा उम्मीद पोर्टल पर फीड करना है। इसमें किस तहसील में कितनी संपत्तियां हैं, के साथ ही किन पर कब्जा है, कौन सी संपत्ति किराए पर है और उसका कितना किराया मिल रहा है, वह संपत्ति कब से किराए पर आदि की जानकारी अपलोड की जाएगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्णमुरारी का कहना है कि सर्वे और फिर पोर्टल पर इन संपत्तियों को अपलोड किए जाने से कई कार्य आसान हो जाएंगे।
जिले में 18 वक्फ संपत्तियां पुनः मूल स्वरूप में होंगी वापस
जिले में ग्राम सभा समेत सरकारी जमीनों को राजस्व अभिलेखों में अवैध तरीके से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज किए जाने के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। पहले चरण में राजस्व अभिलेखों में गलत तरीके से सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति के नाम नामांतरित की गई 18 संपत्तियों को पुराने मूल स्वरूप में लौटाया जाएगा। शासन के आदेश पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई प्रारंभ करते हुए संबंधित तहसीलदारों को निर्देश जारी किए हैं कि राजस्व अभिलेख से वक्फ संपत्ति शब्द को खारिज करके पूर्ववत दुरुस्त किया जाए, जो नामांतरण से पूर्व राजस्व अभिलेखों में चारागाह, जंगल झाड़ी आदि के नाम पर दर्ज थीं।

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