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    Indian Railways News: साल के अंतिम दिन भी ट्रेनों का हाल रहा बेहाल, VIP ट्रेनों ने खूब रुलाया

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 12:00 PM (IST)

    नए साल की पूर्व संध्या पर प्रयागराज में घने कोहरे के कारण ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। 31 दिसंबर, 2025 को दिल्ली-प्रयागराज रूट पर ट्रेनें 6-10 ...और पढ़ें

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    19 दिनों से कोहरे की मार झेल रही रेल सेवाएं। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नए साल की पूर्व संध्या पर जहां लोग उत्साह से घर लौटने या छुट्टियां मनाने की योजनाएं बना रहे थे, वहीं घने कोहरे ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। 31 दिसंबर 2025 को प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेनों की स्थिति बेहद खराब रही। पिछले 19 दिनों से कोहरे की मार झेल रही रेल सेवाएं वर्ष के अंतिम दिन भी पटरी पर नहीं लौट सकीं।

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    खासकर दिल्ली-प्रयागराज रूट पर आने वाली ट्रेनें छह से 10 घंटे तक लेट चल रही हैं, जिससे यात्रियों के नए साल के प्लान धरे के धरे रह गए। जिन लोगों को प्रयागराज से आगे की यात्रा करनी थी और यहां से ट्रेन में बैठना था, उनकी योजनाएं तो पूरी तरह खत्म हो गई। सुबह से ही प्लेटफार्म पर ठंड और कोहरे में ठिठुरते यात्रियों की भीड़ नजर आई।

    कोई समय पर घर पहुंचने की आस में इंतजार कर रहा था, तो कोई रात भर की यात्रा के बाद थकान से चूर। लेकिन कोई भी ट्रेन समय पर नहीं आई। सबसे बुरी हालत वीआईपी कही जाने वाली ट्रेनों की रही – राजधानी, हमसफर, वंदे भारत और शिवगंगा जैसी प्रीमियम सेवाएं भी कोहरे के आगे घुटने टेकती नजर आईं।

    उदाहरण के तौर पर, हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12302) जो मंगलवार को रवाना हुई थी, वह बुधवार सुबह साढ़े सात बजे प्रयागराज पहुंची – यानी पूरे दिन की देरी। यात्रियों का कहना था कि ट्रेन रेंगती हुई आई, बीच-बीच में घंटों रुकती रही। इसी तरह प्रयागराज एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस दोपहर 12 बजे के बाद पहुंचीं, जबकि इनका समय सुबह का था। रीवा एक्सप्रेस करीब 10 घंटे लेट होकर शाम को आएगी। वंदे भारत एक्सप्रेस, जो अपनी स्पीड के लिए मशहूर है, वह भी तीन घंटे की देरी से प्रयागराज पहुंची। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में सवार लोग बार-बार पूछते रहे, "कब पहुंचेंगे?"

    शिवगंगा एक्सप्रेस सात घंटे, लिच्छवी एक्सप्रेस सवा चार घंटे, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस साढ़े छह घंटे लेट रही। जम्मू मेल, जो दोपहर साढ़े 12 बजे सूबेदारगंज आती है, वह चार घंटे देरी से साढ़े चार बजे के आसपास पहुंचने की उम्मीद थी। पूर्वा एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे लेट। हल्दिया एक्सप्रेस तो सबसे ज्यादा प्रभावित – सुबह 3:45 बजे आने वाली यह ट्रेन आठ घंटे लेट होकर दोपहर बाद पहुंची। कालका एक्सप्रेस, जम्मूतवी-टाटा नगर एक्सप्रेस, महाबोधी एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनें भी देरी की चपेट में रहीं।

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    रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में घना कोहरा विजिबिलिटी को शून्य तक ले जा रहा है, इसलिए सुरक्षा के लिए ट्रेनों की स्पीड कम रखी जा रही है। फाग सेफ्टी डिवाइस लगाए गए हैं, लेकिन फिर भी देरी अपरिहार्य है। प्रयागराज जंक्शन पर अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया गया, चाय-पानी की व्यवस्था की गई, लेकिन यात्रियों की शिकायतें कम नहीं हुईं। कई यात्रियों ने एक्स पर शिकायत की, कहा, "नए साल की पार्टी का प्लान था, लेकिन ट्रेन लेट होने से सब बर्बाद हो गया।"

    यह स्थिति सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं – दिल्ली, लखनऊ, कानपुर से पटना तक के रूट पर सैकड़ों ट्रेनें प्रभावित हैं। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि एनटीईएस एप या वेबसाइट पर स्टेटस चेक करें। नए साल पर भी कोहरे की मार जारी रहने की आशंका है, इसलिए सफर से पहले सावधानी बरतें। आखिर, कोहरा तो हर साल आता है, लेकिन इस बार उसने वर्ष के अंतिम दिन को सबसे यादगार – या कहें सबसे परेशानी भरा – बना दिया।