Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    प्रयागराज का अनोखा शिव मंदिर, जहां अकाल मृत्यु से बचने को भैया दूज पर जुटते हैं लाखों श्रद्धालु, बिना नाव के नहीं जा सकते

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 19 Oct 2025 01:28 PM (IST)

    प्रयागराज में यमुना नदी के बीच स्थित सुजावन देव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। भैया दूज पर यहां लाखों श्रद्धालु अकाल मृत्यु से बचने के लिए दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि इस दिन यमुना में स्नान करने से मृत्यु का भय नहीं रहता। कार्तिक माह में यहाँ विशाल मेला लगता है, जहाँ दूर-दूर से लोग भगवान शिव की आराधना करते हैं। यहाँ घर-गृहस्थी का सामान भी मिलता है।

    Hero Image

    प्रयागराज में घूरपुर स्थित भीटा पहाड़ी के पास यमुना नदी के बीच सुजावन देव मंदिर। जागरण

    ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज। यमुना की जलधारा में स्थित यह प्राचीन एवं ऐतिहासिक मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। यम द्वितीया (भइया दूज) के साथ ही सावन के महीने में भी यहां एक माह तक आस्थावानों की भीड़ भोलेनाथ के पूजन-अर्चन को जुटती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुजावन देव मंदिर महादेव की अनूठी भक्ति का प्रतीक 

    यमुना नदी के बीच स्थित सुजावन देव मंदिर महादेव की अनूठी भक्ति का प्रतीक है। यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और इसकी विशेषता यह है कि यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को नाव का सहारा लेना पड़ता है। चारों ओर पानी से घिरे इस मंदिर की सुंदरता और शांति हर किसी का मन मोह लेती है। प्रयागराज में यमुना नदी के बीच में प्रकृति की एक अनोखी कृति भी है।

    प्रयागराज शहर से 25 किमी दूर स्थित है मंदिर 

    शहर से करीब 25 किमी दूर पश्चिम में यमुना नदी के बीच में सुजावन देव मंदिर का क्षेत्र मन को बहुत लुभाती है। यहां भगवान शिव व माता यमुना का मंदिर है। इस मंदिर में वर्ष भर लोगों का आना जाना रहता है। इस मंदिर की आस्था हजारों लोगों से जुड़ी है। प्रकृति की गोद में मंदिर स्थित होने से भव्यता और बढ़ जाती है। 

    अपने रहस्य और ऐतिहासिक महत्व के प्रसिद्ध है मंदिर 

    प्रयागराज में स्थित एक अद्भुत मंदिर, जो पानी के बीचो-बीच खड़ा है। यह मंदिर अपने रहस्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी अनोखी संरचना और स्थान भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।

    घूरपुर स्थित इस धाम में 22 व 23 अक्टूबर को लगेगा मेला

    यमुनापार के घूरपुर स्थित सुजावन देव धाम में दीपावली के अवसर पर प्रसिद्ध यम द्वितीया का मेला लगता है। इस बार 22 व 23 अक्टूबर को मेला का आयोजन होगा। श्रद्धालु यमराज के भय से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए यहां यमुना में स्नान कर सुजावन देव की पूजा करते हैं। इस मेले को प्रयागराज के माघ मेला के बाद सबसे बड़े और भीड़ वाले मेलों में से एक माना जाता है।

    कार्तिक माह में लगता है मेला

    यहां दूर-दूर से लोग आकर भगवान शिव की आराधना करके मनौती मानते हैं। यह मेला कार्तिक माह में लगता है और यहाँ उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों के साथ-साथ मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव और यमुना की पूजा करने आते हैं। इस बार भी यहां के मेला में लोक उत्सव की धूम रहेगी।

    इस देव धाम की है धार्मिक व पौराणिक मान्यता

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भैया दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने सुजावन देव यमुना तट पर आए थे। बहन यमुना के आतिथ्य सत्कार से प्रसन्न होकर यमराज ने उन्हें वरदान मांगने को कहा। तब यमुना ने जनकल्याण के लिए यह वरदान मांगा कि जो भी व्यक्ति भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करेगा, उसे मृत्यु का भय नहीं होगा और मोक्ष की प्राप्ति होगी। यमराज ने तथास्तु कहा। बोले, ऐसा ही होगा।

    नदी सतह से 150 फीट ऊंचाई पर पत्थरों की चट्टानें 

    इसी मान्यता के अनुसार सुजावन देव मंदिर और यमुना तट पर दीपावली के बाद यम द्वितीया को विशाल मेला लगता है। यहां आकर भक्त यमुना नदी में दीपदान करते हैं। यह यमुना नदी की सतह से 150 फीट की ऊंचाई पर पत्थरों की चट्टानों पर स्थित है। अष्ट पवई इस कुषाण कालीन मंदिर के यमुना नदी की जलधारा में होने से इस का पौराणिक महत्व है। भैया दूज के दिन यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यमुना स्नान करने के उपरांत भगवान सुजावन देव के दर्शन करते हैं।

    घर-गृहस्थी का सामान भी खरीदते हैं श्रद्धालु

    इस मेले में लोग पहुंचकर घर-गृहस्थी के उपयोग में आने वाले सामानों की खरीदारी करते हैं। बर्तन, सिल-लोढ़ा से लेकर चारपाई का पावा तक यहां खरीदते हैं। बच्चों के खिलौने से लेकर कपड़े तक की दुकानें यहां सजती हैं।

    इन विभागों पर होती है मेला के प्रबंधन की जिम्मेदारी

    रीवा राजमार्ग स्थित घूरपुर से तीन किमी पश्चिम में यमुना नदी के बीच स्थित सुजावन देव मंदिर के पास यह मेला लगता है। तहसील प्रशासन, अग्निशमन, स्वास्थ्य, जल निगम, पीडब्ल्यूडी, बिजली, आपदा विभाग और पुलिस के अधिकारी पूरे मेले की व्यवस्था संभालते हैं। घाट की सफाई, महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने के कमरे, खोया-पाया शिविर और जल पुलिस की तैनाती भी तैनाती होगी।

    मंदिर के निकट भीटा पहाड़ी पर कभी थी नगरीय सभ्यता

    भीटा पहाड़ी में स्थित सुजावन देव मंदिर की उत्पत्ति की कहानी दिलचस्प है। मंदिर के विषय में पहले लोगों को जानकारी ही नहीं थी। बताया जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत में गदर के बाद यमुना नदी की एक शाखा जब ईस्ट इंडियन रेलवे के उस पार निकली तो उससे जुड़े ठेकेदारों ने ईंटों की खोज में इस स्थान को खोज निकाला। ईंटों को निकालने में यहां प्राचीन नगर की सभ्यता के अवशेष मिले। इस नगर के चिह्न उत्तर की ओर सुजानदेव के मंदिर से शुरू होकर दक्षिण में कुछ किमी तक फैले थे।

    पर्यटन विभाग के नक्शे पर मंदिर अंकित

    सुजावन देव का मंदिर यमुना के बीच में स्थित होने से यह अनुमान लगाया जाता रहा है कि शायद पहले यह मंदिर नगर से ही मिला रहा होगा। समय के साथ नदी के प्रवाह के बीच की भूमि कट कर बहने से अब यह टापू के रूप में आ गया होगा। मंदिर से जुड़ा इतिहास भी रहा है। भीटा स्थित सुजावन देव मंदिर पर्यटन विभाग के नक्शे पर अंकित है। यह मंदिर यमुना के बीच में रहा। अवैध खनन के कारण इसके अगल बगल यमुना नदी का पानी कम हो गया है। इसकी वजह से मंदिर का अस्तिव खतरे पड़ता जा रहा है। मंदिर की नींव में लगे पत्थर कमजोर हो रहे हैं। मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग से से संरक्षित है। हालांकि रखरखाव के प्रति उदासीनता भी बरती जा रही है। बारिश के दिनों में भक्त नाव से मंदिर में पहुंचते हैं।

    ओमकारा समेत कई फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग

    प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस जगह पर ओमकार समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। अजय देवगन, विवेक ओबेराय, नसीरूद्दीन शाह, बिपासा बसु समेत कई नामचीन फिल्मी सितारे यहां आ चुके हैं। आए दिन यहां शुटिंग करने के लिए लोग पहुंचते हैं। चर्चित वेब सीरीज ‘रक्तांचल’ की शूटिंग हो चुकी है शहरी भी दर्शन पूजन के साथ पिकनिक मनाने यहां आते हैं। मंदिर के नीचे उत्तर की ओर पांडवों की मूर्तियां भी बनी हुई हैं। यमुना नदी की शांत लहरों के बीच स्थित इस मंदिर का दृश्य हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है।

    यह भी पढ़ें- कान्वेंट की तरह चमकेंगे प्रयागराज के 12 परिषदीय विद्यालय, स्मार्ट क्लास व बिजली-पानी और लैब होंगे, खेल संसाधन भी

    यह भी पढ़ें- North Central Railway : ट्रेनों के AC कोच में मिलेगा अब कवर युक्त कंबल, NCR के तीनों मंडल में यात्रियों को मिलेगी सुविधा