प्रयागराज के नाइट क्लबों में आग लगी तो बचना होगा मुश्किल, प्रवेश-निकास का एक ही रास्ता, वह भी संकरा
प्रयागराज के नाइट क्लबों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण आग लगने का खतरा बढ़ गया है। सिविल लाइंस में स्थित कई क्लबों में संकरे प्रवेश और निकास द् ...और पढ़ें

प्रयागराज के अधिकांश नाइट क्लबों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण आग का खतरा बना रहता है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गोवा में नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत और दर्जनों के झुलसने की घटना ने शहर के क्लबों और डांस बार में अग्नि सुरक्षा के प्रबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिविल लाइंस में संचालित लगभग एक दर्जन क्लबों में एक ही प्रवेश और निकास द्वार हैं, वह भी सकरे हैं। पहली और दूसरी मंजिल पर संचालित एक डांस बार में तो सिर्फ लिफ्ट की सुविधा है। सीढ़ी न होने से कभी आग लगी तो बचना बेहद मुश्किल होगा। इन क्लबों में अग्नि सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार विभाग भी आंखें मूदे हैं।
आग से बचाव के इंतजाम कम
संगम नगरी के नाइट क्लबों में आग से बचाव के इंतजामों में बेहद कमी है। सबसे महत्वपूर्ण तो गोवा के नाइट क्लब की तरह यहां भी रास्ते सकरे हैं। यही नहीं प्रवेश और निकास के एक ही द्वार होने के चलते आग लगने की घटना पर लोगों का जल्दी निकल पाना मुश्किल होगा।
खास-खास
- 02 बजे रात तक चलते हैं ये नाइट क्लब, शाम से ही शुरू हो जाता है मनोरंजन
- 50 से 60 लोगों की है क्षमता मगर ढाई से तीन सौ जोड़े होते हैं प्रत्येक क्लबों में
कई क्लब में अग्नि सुरक्षा उपकरण भी पर्याप्त नहीं
इन क्लबों में फायर एग्जिट की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसा नहीं है कि अग्नि सुरक्षा के बचाव को लेकर अग्निशमन विभाग की ओर से सत्यापन रिपोर्ट नहीं दी गई है, विभाग के कर्मचारी उसी तरह रिपोर्ट लगाते है जिस तरह हर स्थान पर लगाते हैं। कई नाइट क्लब और डांस बार में अग्नि सुरक्षा उपकरण भी उतने नहीं है, जितना मानक है। उनमें भी ज्यादातर खराब है।
मस्ती का माहौल हादसे में बदल सकता है
अधिकांश डांस बार और नाइट क्लब में आग से निपटने के पर्याप्त प्रबंध न होने से मस्ती का माहौल कभी भी हादसे में बदल सकता है। शहर के ज्यादातर डांस बार व नाइट क्लब सिविल लाइंस में ही हैं। इनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा क्लबों में आग से बचाव के उपकरण या तो उपलब्ध नहीं हैं या खराब हालत में हैं। ज्यादातर उपकरण क्रियाशील नहीं हैं। स्टाफ को भी उपकरण चलाना नहीं आता।
विशेषज्ञों ने स्थिति चिंताजनक बताई
इन क्लबों में साउंडप्रूफिंग के लिए खिड़कियां तक बंद कर दी गई हैं, जिससे आग लगने की स्थिति में धुआं बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार यह अत्यंत खतरनाक स्थिति है, जो किसी भी दुर्घटना को बड़ा रूप दे सकती है।
माल और मल्टीप्लेक्स में भी पर्याप्त प्रबंध नहीं
शहर के कई माल और मल्टीप्लेक्स में भी अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध नहीं हैं। यही नहीं कई माल व मल्टीप्लेक्स के साथ ही सिनेमा हाल में आग से बचाव के किए इंतजाम नाकाफी हैं।
तीन बड़े रेस्टोरेंट में उपकरण तक नहीं, नोटिस
गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद सोमवार को अग्निशमन विभाग जमीन पर उतरा। सिविल लाइंस के कई रेस्टोरेंट में जांच की गई। तीन बड़े रेस्टोरेंट में अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। अग्निशमन अधिकारी राजेश चौरसिया ने बताया कि अब इन रेस्टोरेंट को नोटिस भेजा जाएगा। बताया कि मंगलवार से सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा के नेतृत्व में सिनेमा हाल, माल-मल्टीप्लेक्स, नाइट क्लब, डांस बार, होटल में चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।

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